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बड़वानी

सिलावद में कांपी धरती, दहशत में लोग

चार दिन पूर्व लोगों ने महसूस किया था कंपनसिलावद में कांपी धरती, चार दिन बाद भोपाल से जांच करने गांव पहुंची टीमपूर्व में राजपुर क्षेत्र में भी कांपी थी धरा, आ रही थी धमाकों की आवाजें

बड़वानीOct 31, 2020 / 02:34 pm

tarunendra chauhan

Team reached village to investigate

Team reached village to investigate

बड़वानी. जिले के सिलावद में चार दिन पूर्व हुए भूकंपन की जांच करने शुक्रवार को भोपाल से टीम आई। भोपाल से आई जियोलॉजिस्ट की टीम ने सिलावद में जमीन में महसूस किए गए कंपन की जांच की। यहां हुए कंपन की जांच के लिए पहुंची टीम ने लोगों से चर्चा कर पूरी जानकारी ली। टीम अपनी जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेगी, उसके बाद ही भूगर्भीय हलचल के बारे में बातें स्पष्ट होगी। सिलावद में 26 अक्टूबर की दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर ग्रामीणों ने जमीन में कंपन और धमाके की आवाज महसूस की थी। इसके बाद टीम यहां जांच करने पहुंची है।

ग्रामीणों ने बताया कि उस दिन दोपहर के समय कंपन महसूस हुआ था। इस दौरान लोगों के यहां दुकानों में फर्नीचर के कांच अचानक हिलने लगे। करीब दस मिनट तक महसूस हुए कंपन के दौरान लोग डर के मारे दुकानों से बाहर आ गए। इस दौरान कुछ लोगों ने टीनशेड हिलने और कप गिरने की बात भी कही थी। इस घटना के बाद शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे भारत सरकार के जियोलाजिकल सर्वे की भोपाल यूनिट की टीम सिलावद पहुंची। इस टीम में जियोलॉजिस्ट सौरव कर्मी तथा असिस्टेंट जियोलॉजिस्ट डॉ. लक्ष्मीकांत शर्मा शामिल थे। टीम ने नगर के जिन क्षेत्रों में कंपन महसूस किया गया, वहां के रहवासियों और दुकानदारों से चर्चा कर जानकारी जुटाई। उल्लेखनीय है कि 26 अक्टूबर को दोपहर के ठीक 1 बजकर 40 से 45 मिनट के मध्य यह भूगर्भीय हलचल नगर में महसूस की गई थी। इस घटना के चार दिन बाद जियोलॉजिकल यूनिट की टीम ने वस्तुस्थिति का जायजा लिया।

पूर्व में भी महसूस हुआ है कंपन
पूर्व में जिले के राजपुर व आसपास के क्षेत्रों में भी भूगर्भीय हलचलें हो चुकी हैं। पिछले दो सालों से राजपुर और आसपास के क्षेत्रों में भूकंपन होने व धकामों की आवाजें सुनाई देती रही है। इसका कारण भी अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही भूगर्भीय घटनाओं से लोगों में दशहत पैदा हो रही है। कई लोग इसे बांध के बैक वाटर की वजह से होना भी मान रहे हैं। हालांकि प्रशासन स्तर से ऐसी कोई बात स्पष्ट नहीं की गई है।

सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर के कारण ऐसा हो रहा है। जलग्रहण क्षेत्र के कारण 5 किमी से 40 किमी तक भूकंप आने की संभावना बनी हुई है। नर्मदा भूकंप प्रवण क्षेत्र में बह रही है। यहां पानी का दबाव जितना बढ़ेगा स्थिति उतनी गंभीर होती जाएगी। पिछले सालों में भी भूकंप के झटके नर्मदा पट्टी में महसूस हुए हैं। यहां भूकंप मापी केंद्र तो बना हुआ है, लेकिन उसकी जानकारी कभी नहीं दी जाती है। ये गंभीर मामला है।
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टीम ने बताया कि जो बारिश का पानी होता है तो पानी अंदर जाता है तो उसकी वजह से जमीन की परतों में ऐसा होता है। इसे भूकंप जैसा नहीं मान सकते हैं। इसकी पूरी रिपोर्ट बुला रहे हैं। उसके बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
शिवराजसिंह वर्मा, कलेक्टर बड़वानी

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