कम नहीं हो रहा है डूब प्रभावितों का दर्द, बना हुआ है बैक वाटर का असर, टापू बने खेतों और गावों के लोग हो रहे है परेशान
बड़वानी•Dec 03, 2020 / 08:07 am•
vishal yadav
Village immersed in back water of Sardar Sarovar
बड़वानी. सरदार सरोवर के बैक वाटर से डूब नर्मदा पट्टी के गांवों बर्बाद हो चुके हैं। इन गांवों के डूब प्रभातिवों का दर्द अब भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। नर्मदा पट्टी में बैक वाटर का असर इन दिनों बना हुआ है। बैक वाटर के असर से नर्मदा घाटी के कई गांव और खेत टापू बने हुए हैं। ऐसे में लोगों को इन गांवों और खेतों तक पहुंचने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ये लोग नावों के सहारे खेती का कार्य कर रहे हैं।
नर्मदा पट्टी में पिछले दो सालों से आ रही डूब के बाद भी एनवीडीए ने टापू बने गांवों और खेतों तक पहुंचने के लिए पुल-पुलियाओं का निर्माण शुरू नहीं किया है। वहीं कई परिवार ऐसे हैं जो टापू बने गांवों में बिना बिजली के रह रहे हैं। इन लोगों का पुनर्वास अब तक नहीं हुआ है। चारों तरफ पानी से घिरे ये लोग आज भी अपने अधिकारों को पाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। वर्तमान में नर्मदा का जलस्तर बहुत धीरे-धीरे कम हो रहा है। जलस्तर के कम होने के बाद जरुर कुछ महीनों तक इन गांवों के लोगों को थोड़ी राहत मिलती है।
नजर आता है बर्बाद का मंजर
दो सालों से आ रही डूब के बाद नर्मदा पट्टी के गांवों में अब सिर्फ बर्बादी का मंजर ही नजर आता है। डूब के कारण नर्मदा किनारे के हजारों पेड़ सूखकर ठूंठ बन गए हैं। नर्मदा के जो किनारे कभी हरियाली से आच्छादित थे, वे वीरान हो गए हैं। इन सूखें पेड़ों की छांव भी अब लोगों को नसीब नहीं होती है। इनमें से कई पेड़ ऐसे हैं जो जर्जर होकर गिर रहे हैं। डूब के कारण यहां के प्राकृतिक सौंदर्य पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है।
अंधेरे में रह रहे हैं टीनशेड में रहने वाले लोग
डूब आने के बाद पिछले साल जिन लोगों को टीनशेड में लाया गया था, उनकी परेशानियां बढ़ती ही जा रही है। बेघर हुए इन लोगों को टीनशेड में लाकर छोड़ दिया। अब यहां की बिजली भी काट दी है। बिजली कटने के कारण पिछले दो हफ्तों से अधिक से टीनशेड में अंधेरा पसरा हुआ है। इस अंधेरे के बीच कई परिवार आसरा लेकर पड़े हुए हैं। जिम्मेदार अधिकारी इनकी सुध लेने को तैयार नहीं है।