scriptएक मां ने जंजीरों में कैद कर दिया ‘बेटी का भरोसा | Witchcraft in barwani | Patrika News
बड़वानी

एक मां ने जंजीरों में कैद कर दिया ‘बेटी का भरोसा

मां पर जादू टोने का वहम इस कदर है कि किसी को पास भी नहीं आने देती

बड़वानीJul 31, 2018 / 01:14 am

राहुल गंगवार

Witchcraft in barwani

Witchcraft in barwani

बड़वानी. इस दौर में भी जादू टोने की बातें किस कदर हावी हो सकती है और कैसे एक हंसता खेलता परिवार बिखर सकता है, इसका एक उदाहरण है बीना और उसका परिवार। बड़वानी के चूना भट्टी क्षेत्र की निवासी बीना इस कदर वहमी हो गई है कि बेटी के इलाज के नाम पर उसके हाथ और पैर में जंजीर बांध कर रखती है। जंजीर बांधने के पीछे भी एक खौफ है कि कहीं यह बेटी भी गायब न हो जाए। इस वहम के चलते बीना अपनी बेटी को खुले में लेकर रह रही है। जिससे उनकी सुरक्षा भी बड़ा सवाल बन गई है। फिलहाल एक समाजसेवी इस परिवार की मदद के लिए आगे आया है। समाजसेवियों की मदद से मां-बेटी व बेटे को रैन बसेरे में रहने ले गए हैं।
मामला शहर चूनाभट्टी निवासी ५५ वर्षीय महिला बीना पति भायसिंह के परिवार का है। बीना कहती है कि उसकी शादी भाय सिंह से हुई तो वह बहुत खुश थी। उसका परिवार भी बढ़ा और तीन बेटियां और एक बेटा हुआ। बड़ी बेटी अनिता की शादी की थी। पति अचानक बीमार पड़ गया और इस कदर पड़ा कि उसे भी जंजीरों से बांधना पड़ता था। आखिर में उसकी मौत हो गई।
पति की मौत के बाद से बीना के मन में जादू टोने ने घर कर लिया। उसकी तीन बेटियां और एक बेटा हैं। बड़ी बेटी अनिता की शादी कडमाल में कर दी थी। इसके बाद दो बेटियों और एक बेटे के साथ वह अपने घर में रह रही थी। मझली बेटी डेढ़ साल पहले एक दिन अचानक कहीं गायब हो गई। इसके बाद बीना को जादू टोने का शक इस कदर हावी हो गया कि वह अब तक इससे उभर नहीं पा रही है। उसके चेहरे पर किसी के लिए विश्वास नहीं दिखता। जो कोई भी उसके पास आता या बात करता, वह उसे झड़क देती है। स्थिति यह हो गई कि उसे अपने ही घर में खौफ सताने लगा और उसने १३ साल की बेटी गंगा और करीब १५ साल के बेटे के साथ घर छोड़ दिया। पिछले १५ दिनों से वह राजघाट रोड पर स्थित एक अस्पताल के सामने खुले में रहने लगी है।
बीना अपनी बेटी को लेकर अस्पताल की वॉल बाउंड्री से सट कर अपना खाना पीना बनाती है। यहीं पर रहती है। बारिश होने पर पास बने एक पेड़ के नीचे तीनों चले जाते हैं। ऐसे में तीनों की सुरक्षा को लेकर भी बड़ा सवाल है।बच्ची की उम्र के लिहाज से भी उसे सुरक्षा की जरूरत हैं। ऐसे में अब उसे उज्जैन के आश्रम में भेजने की कोशिश की जा रही है।
रैन बसेरा में तीनों को भेजा
बीना का मामला एक रक्तदाता रवि सुलेखे ने कुछ दिन पहले समाजसेवी अजीत जैन को बताया था। इसके बाद से वह लगातार बीना को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। उसके रहने और खाने पीने के लिए भी इंतजाम किया जा रहा है, सोमवार शाम को समाजसेवियों की मदद से रैन बसेरे में तीनों को भेजा है।
गंगा स्कूल जाएगी तो गायब हो जाएगी
बीना की स्थिति उस वक्त और बिगड़ गई जब उसकी बेटी गंगा भी अजीब अजीब हरकतें करने लगी। उसका स्कूल छुड़वा दिया और उसका इलाज कराने वह जावरा ले गई। वह कहती है कि अभी भी उसका इलाज चल रहा है जल्द ही वह ठीक हो जाएगी। जब गंगा की स्कूल का जिक्र किया तो बीना ने कहा यदि गंगा स्कूल जाएगी तो वह भी गायब हो जाएगी। वह तो जाना चाहती है और मेडम भी बनना चाहती है, लेकिन मैं कैसे भेज दूं उस पर भी तो जादू किया गया है।
बच्ची को स्कूल में प्रवेश दिलाएंगे
& बच्ची और उसकी मां की काउंसलिंग के लिए बाल कल्याण समिति को कहा है। बच्ची जिस भी स्कूल में जाने का कहेगी, उसे वहां प्रवेश दिलाया जाएगा।
-महेश निहाले, जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी
& हमने एक बार काउंसलिंग की कोशिश की है। बच्ची स्कूल जाना चाहती है, लेकिन उसकी मां किसी भी तरह से नहीं मान रही है। उसे धनवंतरी आश्रम में भी रहने के लिए कहा है, वह नहीं मान रही। सोमवार शाम को रैन बसेरे में तीनों को भेजा है।
स्मिता अत्रे, सदस्य बाल कल्याण समिति

Home / Barwani / एक मां ने जंजीरों में कैद कर दिया ‘बेटी का भरोसा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो