डॉ. यदुवीरसिंह ने मुख्य वक्ता के रूप में आनन्दम् परियोजना की मूल अवधारणा को प्रस्तुत करते हुए सामाजिक सरोकारों से दूर होते युवा वर्ग को आनन्दम् परियोजना के माध्यम से पुन: सामाजिक मूल्यों व सरोकार तथा सेवा भाव से जुडऩे के लिए प्रेरित किया। आनन्दम पाठ्यक्रम के मूल बिन्दुओं की जानकारी प्रदान की।
डॉ. शरद निमावत ने कहा कि युवा वर्ग को निराशा व मोह भंग की स्थिति में जाने से रोकने के लिए आनन्दम प्रोग्राम मील का पत्थर साबित हो सकता है। संयोजक डॉ. संदीपन कुमार आर्य ने पाप और पुण्य को आनन्दम के संदर्भ में व्याख्यायित किया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने अति उत्साह से अपनी सहभागिता प्रदान की।