अजीत गुणवंत (Ajit Gunwant Parse) का कहना है कि “हैकिंग” और “साइबर धोखाधड़ी” जैसे शब्द हमारे शब्दकोश में भले ही नए हैं, लेकिन उनका तेजी से विस्तार चौंकाने वाला है। पहले धोखाधड़ी के ज्यादातर मामले टेलीफोन पर होते थे। अब ऐसे अपराधों के क्षेत्र में इंटरनेट ने नए आयाम जोड़ दिए हैं। अजीत गुणवंत पारसे (Ajit Gunwant Parse) का कहना है कि साइबर धोखाधड़ी (cyber fraud) ने आपके निजी सिस्टम तक पहुंच बनाने के लिए नए और आसान तरीके ढूंढ निकाले हैं। इंटरनेट ऑफ थिंग्स की वजह से यह काम अब पहले की तुलना में आसान हो गया है। पारसे के मुताबिक इंटरनेट से जुड़े किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को आसानी से टैप या हैक किया जा सकता है।
हाल के वर्षों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनसे यह पता चला है कि हैकर्स (Hackers) आसानी से आपके मोबाइल फोन में सेंध लगाकर जानकारी दिए बिना आपके कैमरे को चालू कर देते हैं। ऐसा कमजोर पासवर्ड और सुरक्षा सेटिंग्स की वजह से होता है। कमजोर पासवर्ड और सेटिंग्स होने का लाभ उठाकर हैकर्स वेब पर आपकी व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंच बनाते हैं और उसका इस्तेमाल आपको ब्लैकमेल करने के लिए करते हैं। ताकि वो अपसे पैसा वसूल सकें। कोरोना महामारी और अर्थव्यवस्था में व्याप्त वित्तीय संकट के दौर में इस तरह की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है।