सरपंच मीणा ने बताया कि इस ग्राम पंचायत में अनेको ऐसे लोग जो कि आदिवासी है या पशु चराने का कार्य करते है और उन्होंने अभी तक ना तो आधार कार्ड बनवाए है ना ही उनके पास जन्म के प्रमाण पत्र है, जिससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं, इन लोगों के नाम राशन कार्ड व भामाशाह में तो अंकीत है लेकिन आधार कार्ड नहीं बन पा रहे है।
तहसील कार्यालय में सम्पर्क करने पर वहां पर भी उनके जन्म प्रमाण नहीं बन पा रहे हैं, जिससे वह इधर से उधर धूम रहे है। सरपंच मीणा ने बताया कि इन लोगों के पंचायत यहां के नागरिक होने का प्रमाण देने का तैयार है, लेकिन प्रशासन इस बात को नहीं मान रहा हैं। इसके संबंध में अधिकारी भी सही जानकारी नहीं दे रहे। यह लोग गरीब तबके के कारण इनके पास रोजगार व आय के साधन भी नहीं है, जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अगर इस पंचायत के ग्रामीणों के पास नियमानुसार कागजात होगें तो निश्चित रूप से इनके आधार कार्ड बनेंगे और इनका राशन कार्ड सीडिंग के कार्य भी होंगे, लेकिन कागज देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
राजकुमार कस्वा, उपजिला कलक्टर सांभरलेक