जानकारी के अनुसार निम्स के क्वारंटाइन सेंटर में करीब 244 संदिग्धों को रखा गया था, जो रामगंज में पॉजिटिव मिले मरीजों के संपर्क में आए थे। इन सभी संदिग्धों को यहां क्वारंटाइन किया गया था। मंगलवार को पॉजिटिव मिले दो मरीजों को सुबह ही जयपुर भेज दिया गया था। यहां रोजाना संदिग्धों के पॉजिटिव मिलने का सिलसिला जारी था। जिसको लेकर प्रशासन ने सभी संदिग्धों को जयपुर जेएनयू यूनिवर्सिटी में शिफ्ट करने का निर्णय किया। इस दौरान प्रशासन ने 9 एंबुलेंस तथा चार बसों द्वारा सभी संदिग्धों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की। सभी एंबुलेंस में जयपुर से निम्स तक 3 फेरे लगाए तथा बसों ने एक -एक चक्कर लगाया। संदिग्धों को जयपुर ले जाने के लिए शाम करीब 4 बजे से कार्रवाई शुरू हुई जो 2 बजे तक चली।
बीसीएमएचओ ने बताया कि बसों में संदिग्धों को बिठाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की गई। इधर, जब सेंटर से दो बसों में बैठाकर संदिग्धों को जयपुर ले जाया जा रहा था तो रात्रि करीब 12 बजे गेट नंबर दो के पास कुछ कोरोना संदिग्ध बस से नीचे उतर गए और जयपुर नहीं जाने की मांग करने लगे। इस पर प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। सूत्रों के अनुसार उनका कहना था कि यहां से दिन में शिफ्ट किए गए उनके साथियों ने फोन करके बताया है कि जयपुर में निम्स क्वारंटाइन सेंटर जितनी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इस दौरान करीब 20 मिनट तक पुलिस व तहसील प्रशासन सहित चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने समझाइश का प्रयास किया और सभी मूलभूत सुविधाएं देने का आश्वासन दिया। बाद में करीब आधे घंटे बाद संदिग्ध बस में बैठे और जयपुर के लिए रवाना हो गए।
एडवाइजरी की पालना नहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्वारंटाइन सेंटर में करीब 244 लोगों को रखा किया गया था, जो पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए थे। सूत्रों की माने तो सेंटर में रहने वाले लोग क्वारंटाइन एडवाइजरी की पालना नहीं कर रहे थे। सेंटर के अंदर एक दूसरे से मिलना-जुलना, दुआ-सलाम करना तथा बालकनी में एकत्र होने जैसी हरकतें कर रहे थे। जिससे कोरोना संक्रमण की रोकथाम करना मुश्किल हो रहा था। एडवाइजरी की पालना नहीं होने से ही यहां रोजाना पॉजिटिव के सामने आ रहे थे।
कलक्टर ने दौरा कर देखी थी व्यवस्थाएं यहां बने क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए संदिग्धों की व्यवस्थाओं का सोमवार को जयपुर जिला कलक्टर जोगाराम ने दौरा कर जायजा लिया था। कलक्टर ने प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए थे। निम्स में बने सेंटर में हर कमरे में अलग से शौचालय नहीं थे। जिससे संक्रमण फैलने की संभावना बनी हुई थी। जिस पर मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी मरीजों को शिफ्ट किया गया है। इस दौरान आमेर एसडीएम लक्ष्मी कांत कटारा, बीसीएमएचओ डॉ मुकेश बैरवा, निम्स के वाइस चांसलर बीआर मीणा, जनसंपर्क अधिकारी दिनेश भार्गव, चंदवाजी थाना प्रभारी विक्रांत शर्मा आदि मौजूद रहे।