लक्ष्मीनारायण कुमावत, मुरलीधर कुमावत, बनवारी लाल कुमावत, बिहारी, रामेश्वर, रामोतार, मनोज, प्रहलाद, बाबूलाल, मातादीन, रमेश, जयराम कुंभकार ने बताया कि पहले चीन से बने समान का लोग अधिक इस्तेमाल करते थे, लेकिन इस बार तस्वीर कुछ और ही है। बाजार में मिट्टी से बने दीपक लोग ज्यादा खरीद रहे हैं। गांव में भी कुंभकार चाक पर मिट्टी से बने रंग बिरंगे दिए बनाने में व्यस्त है। गांव में रेहडिय़ों पर मिट्टी के दिये बिकने आ रहे है।
गुरुवार को धनतेरस के त्योहार के साथ बाजार में बर्तनों की दुकानों तथा सुनारों की दुकान पर सोने-चांदी से बने सिक्के व बर्तन खरीदने आ रहे है, जिससे बाजारों में अच्छी खासी भीड़ नजर आई। शुक्रवार को छोटी दीपावली व शनिवार को बड़ी दीपावली मनाई जाएगी। बच्चों, ग्रामीणों का कहना है कि बिना पटाखों के इस बार दीपावली पर कोई रौनक नहीं रहेगी व बिना पटाखों के दीपावली का त्यौहार फीका रहेगा।