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बस्सी

कोटपूतली-शाहपुरा-विराटनगर में डेंगू, स्क्रब टायफस रोगी मिलने पर ही उड़ रही चिकित्सकों की नींद

(Seasonal diseases) मौसमी बीमारियों से बचाव की पहले से तैयारियां नहीं, 345 गांव 108 पंचायतें और फोगिंग मशीन 6 चालू 2 खराब

बस्सीSep 18, 2019 / 11:44 pm

Surendra

कोटपूतली-शाहपुरा-विराटनगर में डेंगू, स्क्रब टायफस रोगी मिलने पर ही उड़ रही चिकित्सकों की नींद

कोटपूतली-शाहपुरा-विराटनगर में डेंगू, स्क्रब टायफस रोगी मिलने पर ही उड़ रही चिकित्सकों की नींद

शाहपुरा. मौसमी बीमारियों ने क्षेत्र में लोगों की नींद उड़ा रखी है। लोग खांसी, उल्टी व बुखार से पीडि़त है। कोटपूतली बीडीएम अस्पताल में आउटडोर 3300 वहीं, शाहपुरा सीएचसी में 1500-1600 तक चल रहा है। अस्पताल खुलने के साथ ही सुबह व शाम को मरीजों की लम्बी कतार लग जाती है। क्षेत्र में लोगों का आरोप है कि मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढऩे के बाद भी मच्छरों से बचाव के लिए चिकित्सा विभाग के कारगार उपाय नहीं कर रहा है। कोटपूतली, शाहपुरा, विराटनगर ब्लॉक में 108 पंचायतें व 345 राजस्व गांव होते हुए भी फोगिंग की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। जानकारों के मुताबिक 5 पंचायत पर 1 फोगिंग मशीन होनी चाहिए। उसके मुताबिक तीनों ब्लॉक में 20 फोगिंग मशीन होनी चाहिए, लेकिन यहां 108 पंचायतों पर सिर्फ 6 फोगिंग मशीन ही चालू होने से चिकित्साधिकारी डेंगू, बुखार, मलेरिया के रोगी मिलने पर उस गांव में फोगिंग कराकर इतिश्री कर लेते हैं, जबकि मौसमी बीमारियों के मद्देनजर चिकित्सा विभाग की तैयारी नाकाफी साबित हो रही है। यहां विराटनगर ब्लॉक में बुखार से तीन मौत के बाद भी स्वीकृत 2 फोगिंग मशीन में से 1 खराब पड़ी है। ये मौसम बदलाव से पूर्व की तैयारी को दर्शाता है।
शाहपुरा उपखण्ड परिक्षेत्र में मनोहरपुर, शाहपुरा और अमरसर सीएचसी है। इसके अलावा 10 पीएचसी और 38 सबसेंटर है। बावजूद इसके मच्छरों पर रोकथाम के लिए महज 3 फोगिंग मशीन है। मशीन की उपलब्धता कम होने से समूचे क्षेत्र एवं प्रभावित इलाके में समय पर फोगिंग नहीं हो पा रही है। इससे मच्छर जनित बीमारियों से लोग परेशान है। यदि समय पर प्रभावित क्षेत्र में फोगिंग की जाए तो मच्छरों पर अंकुश लगाया जा सकता है। (का.सं.)
तीनों ब्लॉक की स्थिति

ब्लॉक पीएचसी सीएचसी फोगिंग मशीन चालू खराब

शाहपुरा 10 3 3 0
कोटपूतली 12 1 2 1
विराटनगर 13 2 1 1

दो मरीज मिल चुके है, स्क्रब टायफस से पीडि़त
शाहपुरा ब्लॉक के सुराणा और टोडी गांव में दो जनों के स्क्रब टायफस होना सामने आया था। चिकित्सा विभाग की टीम ने दोनों गांवों में फोगिंग कराई। जानकारी के मुताबिक अभी तक सुराणा, टोढी, छारसा, घासीपुरा, खोजावाला, राड़ावास, मनोहरपुर और बिशनगढ़ के प्रभावित इलाके में ही फोगिंग हो पाई है। इधर, नगरपालिका के वार्ड संख्या 7,9, 11, 15, 16 में भी फोगिंग हुई है।
मौसमी बीमारियों के आंकड़े

अस्पताल आउटडोर
शाहपुरा सीएचसी 1500 से 1600
मनोहरपुर सीएचसी 800 से 900
अमरसर सीएचसी 400 से 500
पीएचसी स्तर 200 से 300

प्रभावित क्षेत्र में नियमित फोगिंग करवाई जा रही है। दवा का छिड़काव भी करवाया जा रहा है। इस सप्ताह में 1350 मरीजों के रक्त के नमूने भी लिए हंै। फोगिंग मशीन और उपलब्ध कराने के लिए विभागीय अधिकारियों को अवगत करवाया है।
–डॉ. विनोद शर्मा, बीसीएमओ, शाहपुरा।


उमस जारी रहने से बढ़ रही मौसमी बीमारियां

कोटपूतली. बारिश का दौर थमने के बाद उमस लगातार बढऩे से मौसमी बीमारियां भी बढ़ रही है। अस्पतालों में बुखार, जुकाम, खांसी, पीलिया व टॉयफाइड से पीडि़त रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यहां के बीडीएम अस्पताल में आउटडोर सामान्य दिनों की तुलना में 40 प्रतिशत तो इण्डोर 50 प्रतिशत अधिक हो गया है। छोटे बालकों पर खांसी जुकाम का अधिक असर हो रहा है। यहीं कारण है कि यहां के शिशु वार्ड में एक पलंग पर 3-3 बच्चों का लिटाना पड़ रहा है। अस्पताल में इन दिनों में 16 सितम्बर को आउटडोर 3513 का रहा था। जो इस महिने का अग तक सर्वाधिक आउटडोर है। पिछले एक सप्ताह से 3 हजार रोगियों का आउटडोर चल रहा है। नर्सिंग अधीक्षक राजसिंह मीना ने बताया कि अगस्त माह में 78 हजार 155 रोगियों का आउटडोर में पंजीकरण हुआ था, जो पिछले 8 महिनों में सर्वाधिक रहा था। (नि.सं.)
शहर में नहीं हुई फोगिंग

बारिश के चलते मच्छर का प्रकोप कम नहीं होने से वायरल का प्रकोप अधिक चल रहा है। शहर में अभी तक फोगिंग शुरू नहीं हुई। इससे भी मच्छर बढ़ रहे हैं। कस्बे में पालिका व स्वास्थ्य विभाग की खींचतान के चलते फोगिंग नहीं हो रही है।
बीडीएम अस्पताल में सितम्बर की स्थिति

दिनांक आउटडोर इण्डोर
11 3356 113
12 3081 118
13 3204 146
14 2945 103
15 2358 87
16 3513 105
17 3134 135

सावधानी बरतने की जरूरत

चिकित्सकों के अनुसार वायरल से बचाव के लिए घरों के आसपास पानी जमा नहीं होने दे। बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहना कर रखे। पानी उबाल कर पीए। खाना हमेशा ताजा खाए। बासी खाना व कटे हुए फल नहीं खाने चाहिए। पीलिया व टायफाइड से पीडि़त रोगी भी इन दिनो अस्पताल में आ रहे हैं। खांसी, जुकाम संक्रमित बीमारी है। इसका संक्रमण ना फैले इसके लिए रुमाल काम में ले, छींक से दूरी रखें और खाने-पीने का थोड़ा परहेज रखें और समय पर दवा लें। नमी का मौसम होने के कारण मच्छर भी बढ़ रहे हैं। उनके काटने से बचें।
अस्पताल में इन दिनों मौसमी बीमारियों से पीडि़त बड़ी संख्या में आ रहे है। इनके उपचार के लिए मेडिसन विभाग में अतिरिक्त चिकित्सक लगा रखें है। शिशु विभाग में के आउटडोर में जरूरत के अनुसार चिकित्सक उपलब्ध रहते हैं।
डॉ.आर आर यादव, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, बीडीएम अस्पताल कोटपूतली

आउटडोर डेढ गुना

विराटनगर. मौसम में आए बदलाव के कारण क्षेत्र में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों पर पिछले 15 दिन में आउटडोर डेढ से दोगुना हो गया है। विराटनगर में सीएचसी में पिछले 15 दिन पहले 500 से 600 का था। वहीं अब आउटडोर वर्तमान में 800 से 900 हो गया है। बीसीएमओ ने बताया कि क्षेत्र में नियमित बुखार के मरीजों का सर्वे करवाकर स्लाइड ली जा रही है। एमएलओ का छिड़काव कर प्रभावित क्षेत्र से लोगों के ब्लड स्लाइड ली जा रही है।(नि.सं.)

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