scriptडॉ.कमला 27 साल की उम्र में बनी पहली महिला मंत्री, 7 बार रही विधायक और त्रिपुरा, गुजरात, मिजोरम की रही राज्यपाल | Dr. Kamla became the first woman minister at the age of 27, has been an MLA 7 times, has been the Governor of Tripura, Gujarat and Mizoram | Patrika News
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डॉ.कमला 27 साल की उम्र में बनी पहली महिला मंत्री, 7 बार रही विधायक और त्रिपुरा, गुजरात, मिजोरम की रही राज्यपाल

डॉ.कमला बेनीवाल का जन्म 12 जनवरी 1927 को झुंझुनूं जिले के गोरीर गांव के किसान परिवार में हुआ था। 60 साल के राजनीतिक सफर में मंत्री, उपमुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक रही। उनका 97 साल की उम्र में निधन हो गया। डॉ.कमला ने जयपुर के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली।

बस्सीMay 16, 2024 / 04:58 pm

vinod sharma

Dr.Kamala Beniwal

डॉ.कमला बेनीवाल का 97 साल की उम्र में निधन

राजस्थान की पूर्व उपमुख्यमंत्री व त्रिपुरा, गुजरात व मिजोरम की पूर्व राज्यपाल एवं प्रदेश कांग्रेस की वरिष्ठ नेता डॉ.कमला बेनीवाल का बुधवार को 97 साल की उम्र में निधन हो गया। डॉ.कमला ने जयपुर के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। गुरुवार को अंतिम संस्कार किया गया। डॉ.कमला बेनीवाल का जन्म 12 जनवरी 1927 को झुंझुनूं जिले के गोरीर गांव के किसान परिवार में हुआ था। महज 11 साल की उम्र में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था। पिता स्वतंत्रता सेनानी होने के चलते समय समय पर प्रजामंडल के अधिवेशनों में भी बढ़ चढ़कर भाग लिया। उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से इतिहास में एमए तक शिक्षा ग्रहण की। विद्यार्थी जीवन में तैराक, घुड़सवार का शौक रहा। डॉ.कमला का संस्कृत के प्रति काफी लगाव था।
Congress Leader Dr.Kamla Beniwal Dies In Jaipur

27 साल की उम्र में बनी थी मंत्री
डॉ.कमला ने पढ़ाई खत्म करने के बाद कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। राजनीति में कदम रखा था उस समय महिलाओं की संख्या राजनीति में न के बराबर थी। 27 साल की उम्र में 1954 में पहला चुनाव लड़कर जीता और सरकार में मंत्री बनी। 1954 से राजस्थान में लगातार कांग्रेस सरकार में मंत्री रही है। अशोक गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री थी। 1980 से 1990 तक सरकार में केबिनेट मंत्री रही। 1993 में वह मंत्री नहीं बन सकी। 1998 में वह फिर से केबिनेट मंत्री बनी। 2003 में राजस्थान की उप मुख्यमंत्री रही। वर्ष 2003 में विधानसभा चुनाव में हार के बाद चुनाव नहीं लड़ा। इसके बाद 2018 में उनके बेटे आलोक बेनीवाल शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक निर्वाचित हुए।
त्रिपुरा, गुजरात व मिजोरम की रह चुकी राज्यपाल
डॉ.कमला को 2009 में त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया था। वह पूर्वोत्तर भारत के किसी भी राज्य की पहली महिला राज्यपाल थी। एक माह बाद 27 नवंबर 2009 को गुजरात का राज्यपाल नियुक्त किया। 6 जुलाई 2014 को तबादला मिजोरम के राज्यपाल पद पर किया गया।
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संस्कृत भाषा से था लगाव
जयपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। लगभग 20 वर्षों तक विभिन्न रैंकों में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ में राजस्थान इकाई के प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया। 1994-1995 में इफको द्वारा प्रदत्त भारत का सर्वश्रेष्ठ सहकारी पुरस्कार दिया गया। संस्कृत भाषा से लगाव होने के कारण अपने कार्यकाल के दौरान जयपुर में जगदगुरु रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना करवाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ताम्रपत्र से सम्मानित किया था।
बैराठ व दूदू की रही थी विधायक
-1954 में आमेर ए से उपचुनाव लड़कर राजस्थान की पहली मंत्री बनी।
1962, 1980, 1985, 1993, 1998 में बैराठ विधानसभा क्षेत्र एवं 1972 में दूदू विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित रही।
-2003 में प्रदेश की उपमुख्यमंत्री रही।
-2009 में त्रिपुरा व गुजरात राज्यपाल रही।
-2014 में मिजोरम राज्यपाल रही।

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