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मोहनपुरा के कोली मोहल्ला निवासी रामकिशोर कोली समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि कस्बे में उच्च जलाशय से जलापूर्ति की जाती है, लेकिन कोली मोहल्ला समेत आस-पास के मोहल्लों में तलाई के पास एवं गुर्जर मोहल्ले में खुदे ट्यूबवेलों से जलापूर्ति की जाती है। ये ट्यूबवेल भी करीब सात-आठ साल पहले जल स्वावलम्बन योजना में खोदे गए थे।
मोहनपुरा के कोली मोहल्ला निवासी रामकिशोर कोली समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि कस्बे में उच्च जलाशय से जलापूर्ति की जाती है, लेकिन कोली मोहल्ला समेत आस-पास के मोहल्लों में तलाई के पास एवं गुर्जर मोहल्ले में खुदे ट्यूबवेलों से जलापूर्ति की जाती है। ये ट्यूबवेल भी करीब सात-आठ साल पहले जल स्वावलम्बन योजना में खोदे गए थे।
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ग्रामीणों ने बताया कि इन ट्यूबवेलों से जलापूर्ति का काम एक ग्रामीण कर रहा है, जिसे न तो ग्राम पंचायत की ओर से लगाया गया है ना ही उसका कोई मानदेय निर्धारित है। इसके चलते पानी खोलने वाला ग्रामीण मनमानी करता है। स्थिति यह है कि कोली मोहल्ले में कुछ घरों को छोड़कर अधिकतर घरों में पेयजल के लिए तरसना पड़ रहा है।
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इसकी शिकायत एक माह पहले तत्कालीन एसडीएम पीडी शर्मा से भी की थी, जिस पर एसडीएम शर्मा ने सरपंच कालूराम मीना को पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति के निर्देश दिए थे। इसके बाद कुछ दिन तो व्यवस्था सुधरी, लेकिन बाद में फिर वही पानी का संकट हो गया। इस बारे में ग्राम पंचायत सचिव नीमलाल शर्मा का कहना है कि यदि कोली मोहल्ले के आधे हिस्से में पानी नहीं आ रहा है तो इसकी जांच करवाएंगे। वैसे टयूबवेलों में पानी भी कम हो गया है।
इसकी शिकायत एक माह पहले तत्कालीन एसडीएम पीडी शर्मा से भी की थी, जिस पर एसडीएम शर्मा ने सरपंच कालूराम मीना को पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति के निर्देश दिए थे। इसके बाद कुछ दिन तो व्यवस्था सुधरी, लेकिन बाद में फिर वही पानी का संकट हो गया। इस बारे में ग्राम पंचायत सचिव नीमलाल शर्मा का कहना है कि यदि कोली मोहल्ले के आधे हिस्से में पानी नहीं आ रहा है तो इसकी जांच करवाएंगे। वैसे टयूबवेलों में पानी भी कम हो गया है।
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मनमर्जी से करवा रखे हैं कनेक्शन
कोली मोहल्ले में कुछ परिवारों ने तो पाइप लाइन के नीचे से या पाइप लाइन में एक इंच का पाइप डालकर नल कनेक्शन ले रखा है। कुछ परिवारों की ओर से पानी खोलने वाले ग्रामीण को पैसे भी दिए जाते हैं तो वहां पानी भी ज्यादा खोला जाता है।
मनमर्जी से करवा रखे हैं कनेक्शन
कोली मोहल्ले में कुछ परिवारों ने तो पाइप लाइन के नीचे से या पाइप लाइन में एक इंच का पाइप डालकर नल कनेक्शन ले रखा है। कुछ परिवारों की ओर से पानी खोलने वाले ग्रामीण को पैसे भी दिए जाते हैं तो वहां पानी भी ज्यादा खोला जाता है।
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बिल का कोई शुल्क नहीं
ग्रामीणों की मानें तो पंचायत की ओर से नि:शुल्क पेजयल वितरण करवाया जा रहा है, लेकिन पंचायत की ओर से कर्मचारी नियुक्त नहीं होने से ट्यूबवेलों से जलापूर्ति करने वाला व्यक्ति मनमानी करता है। यदि पंचायत में प्रस्ताव लेकर इसी व्यक्ति या अन्य किसी को स्थायी नहीं, बल्कि अस्थायी रूप से तैनात कर दिया जाए तो वह निष्पक्ष रूप से जलापूर्ति करेगा।
बिल का कोई शुल्क नहीं
ग्रामीणों की मानें तो पंचायत की ओर से नि:शुल्क पेजयल वितरण करवाया जा रहा है, लेकिन पंचायत की ओर से कर्मचारी नियुक्त नहीं होने से ट्यूबवेलों से जलापूर्ति करने वाला व्यक्ति मनमानी करता है। यदि पंचायत में प्रस्ताव लेकर इसी व्यक्ति या अन्य किसी को स्थायी नहीं, बल्कि अस्थायी रूप से तैनात कर दिया जाए तो वह निष्पक्ष रूप से जलापूर्ति करेगा।
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सवाल- कोली मोहल्ले एवं इसके पास वाले मोहल्लों में जलापूर्ति कैसे की होती है?
जवाब- दो ट्यूबवेलों से सीधे जलापूर्ति की जाती है।
सवाल- दोनों ट्यूबवैलों से जलापूर्ति के लिए पंचायत ने कोई कर्मचारी लगा रखा है या नहीं?
जवाब- नहीं, ग्राम पंचायत ने कोई कर्मचारी नहीं लगा रखा है। ग्रामीणों ने ही व्यक्तिगत स्तर पर एक ग्रामीण को लगा रखा है। ग्रामीण ही उसे मेहनताना देते होंगे। इतना जरूर है कि ट्यूबवेलों के रख-रखाव का खर्च ग्राम पंचायत उठाती है।
सवाल- ग्रामीणों द्वारा नियुक्त कर्मचारी मनमानी करे तो कौन अंकुश लगाएगा ?
जवाब- ग्राम पंचायत ही लगाएगी। इसके लिए पांच नवम्बर की बैठक में प्रस्ताव ले लेंगे।
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जवाब- दो ट्यूबवेलों से सीधे जलापूर्ति की जाती है।
सवाल- दोनों ट्यूबवैलों से जलापूर्ति के लिए पंचायत ने कोई कर्मचारी लगा रखा है या नहीं?
जवाब- नहीं, ग्राम पंचायत ने कोई कर्मचारी नहीं लगा रखा है। ग्रामीणों ने ही व्यक्तिगत स्तर पर एक ग्रामीण को लगा रखा है। ग्रामीण ही उसे मेहनताना देते होंगे। इतना जरूर है कि ट्यूबवेलों के रख-रखाव का खर्च ग्राम पंचायत उठाती है।
सवाल- ग्रामीणों द्वारा नियुक्त कर्मचारी मनमानी करे तो कौन अंकुश लगाएगा ?
जवाब- ग्राम पंचायत ही लगाएगी। इसके लिए पांच नवम्बर की बैठक में प्रस्ताव ले लेंगे।