पंचायतों में धूल फांक रही ई-मित्र प्लस मशीन
शुरू नहीं होने से ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही सुविधाएं
पंचायतों में धूल फांक रही ई-मित्र प्लस मशीन
बाड़ापदमपुरा (जयपुर). आधुनिक तकनीकी के माध्यम से लोगों को एक ही छत के नीचे विभिन्न सरकारी और निजी सेवा मिलने के उद्देश्य से पूर्व सरकार ने शुरू की गई ई मित्र प्लस पहल के तहत मशीनें कई विभागों व ग्राम पंचायत मुख्यालयों को दी गई, लेकिन एक वर्ष से नाकारा साबित हो रही हैं। कई विभाग और ग्राम पंचायतों में तो आज तक इन मशीनों को इंस्टॉल भी नहीं किया गया हैं। ग्राम पंचायत मुख्यालयों में रखी मशानों को यदि कर्मचारी उपयोग में लेकर आमजन को इसकी जानकारी उपलब्ध करवाते हैं तो इससे लोगों को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। कार्मिकों की उदासीनता के चलते सभी जगह ये मशाीनें नकारा पड़ी है। इससे लोगों को ई मित्र प्लस की सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
इन पंचायतों में पड़ी है नाकारा
चाकसू उपखण्ड की ग्राम पंचायतों में ई मित्र प्लस मशानें एक कोने में अनुपयोगी पड़ी है। कई ग्राम पंचायतों में तो अब तक इंटरनेट से भी नहीं जोड़ा गया हैं। लाखों रूपए की ई मित्र प्लस मशाीनें संचालन की जानकारी नहीं होने और कमरों में बंद होने से शोपीस साबित हो रही हैं।
क्या हैं ई -मित्र प्लस
लेगों को मशीन से जमाबंदी की नकल, जन्म-मृत्यु, जाति, मूल निवास प्रमाण पत्र का प्रिंट, बिजली, पानी के बिल जमा करना समेत कई सरकारी और निजी सेवाएं आधुनिक तकनीकी के माध्यम से देने के लिए राज्य सरकार ने ई मित्र प्लस पहल क शुभारंभ पिछले वर्ष किया था। इसके लिए सभी ग्राम पंचायतों और राज्य सरकार के सभी विभागोंं में मशीनों को भेजा गया हैं ।
ऐसे करती हैं काम
आमजन ई मित्र कियोस्क से मिलने वाली सुविधाएं प्राप्त कर सकता हैं। इसके लिए एसएमओ आईडी बनानी होती है। आईडी कियोस्क ऑपरेटर की होती हैं। जिसे ऑपरेटर कियोस्क को सुबह ऑन और शाम को ऑफ करना पड़ता हैं। कोई भी उपभोक्ता कार्य से संबंधित कागजात के साथ ई मित्र प्लस कियोस्क मशाीन की बोर्ड के माध्यम से कार्य का चयन कर पंजीयन करना होता हैं। उपभोक्ता की ओर से ली जाने वाली सुविधा का शुल्क कैस रिसेप्टर व कार्ड स्वाइप कर होता हैैं। भुगतान करने के बाद लेजर प्रिंटर से रसीद भी मिलती हैं।
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