सहायक उपनिरीक्षक रामचंद्र सैनी ने बताया किहरचंदपुरा उर्फ कांकराला निवासी कालूराम जाट पुत्र सुगलाराम ने रिपोर्ट दी कि शनिवार रात उसका दादा नारायण लाल जाट (94) पुत्र घासीराम कमरे में सो रहा था। रात करीब दो बजे उसने बीड़ी पीने के लिए माचिस की तिली जलाते समय अंधेरे में दिखाई नहीं देने के कारण बिस्तर व कपड़ों में आग लग गई। आवाज सुनकर परिजनों ने पानी डालकर आग बुझाने का भी प्रयास किया, लेकिन तब तक बुजुर्ग नारायण लाल बुरी तरह से झुलुस चुका था। परिजनों ने गंभीर हालत में उसे निम्स अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
चलने फिरने में थी दिक्कत जानकारी के अनुसार नारायण लाल की उम्र करीब 94 साल थी। जिसके के कारण उसे चलने फिरने में भी परेशानी थी। आंखों से दिखाई देने में भी परेशानी के कारण आग की चिंगारी दिखाई नहीं दी और कपड़ों ने आग पकड़ ली। हादसे के समय अन्य परिजन भी कमरे (हॉल) में सो रहे थे।