इसी दौरान राजमार्ग के किनारे राह चलते अज्ञात वाहन की चपेट में आ गया। 108 एंबुलेंस से गोविंदगढ़ राजकीय अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। शनिवार को चौमूं में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। जैसे ही शव उसके घर पहुंचा तो घर में कोहराम मच गया। पत्नी व परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल था। दूसरी तरफ ढाणी में दोपहर तक चूल्हे नहीं जले।
मृतक के पिता मंगलचंद ने बताया कि 10 वर्ष साल उसका छोटे बेटा भी सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया था। अब दूसरे बेटे को प्रकृति के क्रूर हाथों ने छीन लिया। गमगीन परिजनों ने बताया कि सुरेश की 7 माह की अबोध बेटी तनिषा एवं ढाई साल का मासूम पुत्र योगेश सबका मुंह ताक रहे थे। दुनियादारी से बेखबर एवं अनजान मासूमों को क्या पता कि उनके पिता का साया उनके सिर पर नहीं रहा।