monkey attack - एक बंदर पकडऩे में नाकाम वन विभाग
- दो लोगों को और बनाया अपना शिकार
- राहगीरों को भी बना रहा अपना शिकार
- नहीं है ग्रामीणों की सुरक्षा की चिन्ता
- बड़ा हादसा होने के इंतज़ार में हाथ पर हाथ धरे बैठा प्रशासन

पावटा/प्रागपुरा। एक उत्पाती बंदर के आतंक के कारण स्थानीय ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। बताया जाता है कि विगत डेढ़ महीने के भीतर बंदर ने 32 ग्रामीणों को घायल कर दिया है। जिनका निजी हॉस्पिटल व पावटा सीएचसी मे इलाज चल रहा है।
कस्बे पावटा में वन विभाग के कर्मी तथा अधिकारी बंदर को पकडऩे की कवायद में लगे है, लेकिन अब तक आतंक मचाए बंदर को पकड़ा नहीं जा सका है। बंदर के आतंक के कारण बच्चों व बड़ों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। भयभीत परिजन व बच्चे अपना घर बंद कर छिप कर बैठे हैं। कब बंदर आ जाए पता नहीं चलता।
बंदर के हमले से घायलों ने बताई आपबिती
बताया जाता है यह बंदर संभवत पागल हो गया है जो की राह चलने वालों व घरों में घुसकर लोगों पर हमला कर रहा है। अब तक बंदर ने 32 लोगों को शिकार बनाया है। रविवार को नरेंद्र शर्मा को इस बंदर ने घायल कर दिया तो वही शुक्रवार को श्रवण खण्डेलवाल को घायल करने के लिए उन पर हमला किया, उन्होंने भाग कर दरवाजा बंद कर अपने आप को बचाया। सुपर मार्किट में शिकार हुए प्रहलाद यादव ने बताया कि यह बंदर नरभक्षी हो गया है, आने जाने वालों पर भी हमला करने लगा है।
ट्राईकुलेजेशन की अनुमति नहीं
वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उसके पीछे-पीछे घूमने के अलावा कुछ नहीं कर रहे। वही वन विभाग अधिकारियों का कहना है कि हमें ट्राईकुलेजेशन करने की अनुमति नहीं है और उसके बिना यह बंदर पकड़ में नहीं आएगा। जिससे वन विभाग की लापरवाही व हठधर्मिता का नतीजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
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