चार बार वार्ता, फिर भी नहीं हुआ समाधान
संगठन के लोगों ने बताया कि यूनियन के पदाधिकारियों से कई बार सरकार के मंत्री से चार बार वार्ता भी की जा चुकी है, लेकिन कोई सकारात्मक उपाय नहीं किए गए। इससे कर्मचारियों को वेतन, पेंशन सहित कई समस्याओं को लेकर परेशानी उठानी पड़ रही है। समस्याओं के समाधान नहीं होने पर सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा।
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ये मांगे है प्रमुख
१० सूत्री मांग में सरकार की ओर से रोडवेज के बकाया 410 करोड़ देने, सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के संदर्भ में रोडवेज श्रमिकों के वेतन राज्य कर्मचारियों के वेतन के अनुरूप देने व पेंशनभोगी श्रमिकों की पेंशन भी पुनरीक्षित करने, जून 2016 से अगस्त 2019 तक 39 माह में करीब 3500 श्रमिक सेवानिव़ृत हुए हो चुके है उनका सभी प्रकार का बकाया भुगतान करने, वर्तमान में रोडवेज को 1500 नई बसों की आवश्यकता है, जो राज्य सरकर क्रय करने के लिए अनुदान उपलब्ध करवाए और निजी बस मालिकों की 500 बस अनुबंध पर लेने का निर्णय को तुरंत रद्द करने समेत १० मांग शामिल है।