पुलिस ने जांच पड़ताल की तो दो टैंकर चालक, एक पंक्चर निकालने वाला व एक आईओसी कार्यालय में काम करने वाला मिला। मौके पर पहुंची चिकित्सकों की टीम ने कोरोना संदिग्ध चालक सहित संपर्क में आए चारों जनों को स्क्रीनिंग के बाद जयपुर रैफर कर दिया।
पुलिस ने इनमें से एक चालक के जमात में शामिल होने का अंदेशा जाहिर किया है। हालांकि चालक ने पुलिस की पूछताछ में जमात में शामिल होने की बात से साफ इनकार किया है।
पुलिस के मुताबिक आईओसी करनाल के सेफ्टी ऑफिसर ने जयपुर कंट्रोल रूम में सूचना दी थी कि उत्तर प्रदेश निवासी कमरुर वहीद 28 मार्च को फर्रुखाबाद से आईओसी प्लांट से इंडियन गैस का टैंकर लेकर करनाल के लिए रवाना हुआ था, लेकिन वह 7 दिन में भी करनाल नहीं पहुंचा। इस पर टैंकर चालक के दिल्ली स्थित तबलीगी जमात में शामिल होकर आने का संदेह जाहिर किया।
मामले की सूचना पर थाना प्रभारी महेंद्र सिंह, एएसआई जगदीश सैन मय जाब्ते के निठारा पुलिया के पास पहुंचे। जहां पर टैंकर चालक कमरुर वहीद, एक अन्य टैंकर चालक मोहम्मद सिद्दीकी कुरैशी, पंचर बनाने वाले बिहार निवासी मोहम्मद समीर, इंडियन आईओसी ऑफिस में काम करने वाला गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश निवासी युसूफ मिला। पुलिस ने मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम बुलाई। टीम ने जांच कर चारों को जयपुर रैफर कर दिया।
बीसीएमओ डॉ. विनोद शर्मा ने बताया कि चालक कमरूर वहीद के खांसी व कप की शिकायत थी। वह कोरोना संदिग्ध था। वहीं, तीनों जने उसके संपर्क में आ गए, इसलिए उनको भी जयपुर रैफर कर दिया गया। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा।
उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना संक्रमण के ग्राफ को बढ़ाने में दिल्ली के तबलीगी जमाती सबसे अधिक सामने आए हैं। पिछले चार दिनों में मिले संक्रमितों में इन जमातियों का आंकड़ा करीब 50 फीसदी है। ऐसे में पुलिस प्रशासन सख्त है।