जयपुर दिल्ली राजमार्ग का छह लेन में परिवर्तित करने वाली कम्पनी पीसीईपीएल व राजमार्ग प्राधिकण के बीच अनुबंध को लेकर तकरार होने पर कम्पनी ने बजट की कमी बताकर 17 स्वीकृत फ्लाईओवर को डि लिंक कर कार्य शुरू नहीं किया। दूसरे चरण में इनका कार्य शुरू होना था, लेकिन इसी बीच सड़क निर्माण कम्पनी यहां कार्य बंद कर दिया। राजमार्ग प्राधिकरण राजमार्ग की देखरेख का कार्य भी अब दूसरे ठेकेदारों से करवा रहा है। दूसरे चरण के 17 स्वीकृत पुलों के लिए अलग से बजट स्वीकृत होना था, लेकिन राजमार्ग प्राधिकरण ने इन स्वीकृत पुलो के लिए अभी तक प्रशासनिक व वित्तिय स्वीकृत जारी नहीं की है।
ये समस्याएं हाइवे पर
1- छहलेन में विस्तार करने का कार्य 2009 में शुरू।
2- विस्तार कार्य 2011 में पूरा होना था।
3- जयपुर से दिल्ली पहुंचने में लग रहे 6 घंटे।
4- पेचवर्क में परेशानी।
5- सर्विस लेन की हालत खराब।
6- सुधार नहीं होने बढ़ रहा दुर्घटनाओं का ग्राफ।
दिल्ली से मानेसर 49 किमी एलिवेटेड पुल, पंचगांव 55.68 किमी वीओपी, बिलासपुर 60.55 किमी फ्लाईओवर, कापड़ीवास 67 किमी फ्लाईओवर, बावल 96.0 किमी फ्लाईओवर, दहमी मोड़ 130 किमी वीयूपी, जागवास मोड़ 135 किमी फ्लाईओवर, जनपुरबांस 142 किमी फ्लाईओवर, पनियाला 146.5 किमी वीयूपी, सांगटेड़ा 151 किमी फ्लाईओवर, बानसूर मोड़ 156.34 किमी फ्लाईओवर, पूतली मोड़ 158.92 किमी फ्लाईओवर, पावटा नवदोय कट 175.33 किमी वीयूपी,पावटा सीएचसी 175.84 किमी फ्लाईओवर, शाहपुरा 202.45 फ्लाईओवर, घासीपुरा 206.96 वीयूपी, लखेर 217.69 फ्लाईओवर नहीं बने।
राजमार्ग पर 17 पुल 8 छोटे पुल के निर्माण के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए प्राधिकरण मुख्यालय को भेजे हुए हैं। इनकी प्रशासनिक व वित्तिय स्वीकृत नहीं आई है। कोटपूतली में बानसूर मोड़ पर फ्लाईओवर का निर्माण पहली प्राथमिकता है। सड़क निर्माण कम्पनी पीसीईपीएल के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित है। इससे टोल वूसली के अधिकार वापस लेकर दूसरी कम्पनी को देने पर विचार हो रहा है।
जीसी माथुर, परियोजना अधिकारी, जयपुर दिल्ली राजमार्ग