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पुलवामा शहीद रोहिताश लांबा के गांव गोविन्दपुरा बासड़ी की एक बस्ती का हाल, 40 साल से दिवाली अंधेरे में मनाई, चिमनी में पढ़ाई , िफर भी नहीं सुनवाई

500 की आबादी व 150 मतदाता भी, पिफर भी नहीं है बस्ती में बिजली
विद्युत विभाग, प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार, सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला

बस्सीNov 04, 2019 / 09:46 pm

Arun sharma

पुलवामा शहीद रोहिताश लांबा के गांव गोविन्दपुरा बासड़ी की  एक बस्ती का हाल, 40 साल से दिवाली अंधेरे में मनाई, चिमनी में पढ़ाई , आखिर क्यों नहीं हो रही सुनवाई

पुलवामा शहीद रोहिताश लांबा के गांव गोविन्दपुरा बासड़ी की एक बस्ती का हाल, 40 साल से दिवाली अंधेरे में मनाई, चिमनी में पढ़ाई , आखिर क्यों नहीं हो रही सुनवाई


जयपुर.राड़ावास. शाहपुरा उपखण्ड क्षेत्र के गोविन्दंपुरा बासड़ी के बुनकर मोहल्ले में करीब 40 साल से बिजली तक नहीं है। ऐसे में बाशिंदों को इस बार भी दीपावली अंधेरे में ही मनानी पड़ी। वैसे तो सरकार हर घर को बिजली से रोशन करने की योजनाओं पर काम कर रही है। जबकि इस बुनकर मोहल्ले को सालों से बिजली का इंतजार रहा है। ऐसा नहीं है कि बाशिंदों ने बिजली के लिए आवेदन नहीं किया। आवेदन करने के बावजूद आज तक बिजली कनेक्शन नहीं मिल पाया है। जानकारी के मुताबिक गोविंदपुरा बासड़ी में तेजाजी मंदिर के समीप वर्षों से बुनकर बस्ती बसी हुई है। इस बस्ती में राज्य सरकार व केंद्र सरकार की योजनाओं से इंदिरा आवास एवं शौचालय बने हुए है। उसके उपरांत भी विद्युत विभाग इन ग्रामीणों को विद्युत कनेक्शन देने में हर बार आनाकानी कर रहा है। समाजसेवी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि बुनकर बस्ती में करीब 30 परिवारों की 500 की आबादी है। जिनमें 150 मतदाता भी है। (निसं)
नहीं सुनता प्रशासन
लोगों ने बताया कि समस्या को लेकर मुख्यमंत्री, जिला कलक्टर, निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराया है, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया है। बस्ती निवासी पारा देवी ने बताया कि हम यहां वर्षों से मकान बनाकर रह रहे है। बिजली की रोशनी नसीब नहीं होने से बच्चों को चिमनी के उजाले में अध्ययन करना पड़ रहा है। वहीं बच्चों को उच्च अध्ययन के लिए बाहर भेजना पड़ रहा है।
पोल खड़े, डीपी रखी, कनेक्शन नहीं
विभाग की ओर से पिछले दिनों कॉलोनी में योजना अंतर्गत विद्युत पोल खड़े करके सर्विस लाइन डाल दी। उसके उपरांत भी डीपी रख दी, लेकिन विद्युत कनेक्शन नहीं दिए जा रहे है। स्थानीय निवासी ज्ञाना देवी, नाथी देवी, संतरा, सुल्तान, सुरज्ञान, ओमप्रकाश, बंशीधर, सोहनलाल आदि ने अपनी पीड़ा बताते हुए सरकार व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया है।
सहायक अभियंता बोले गोचर भूमि
सहायक अभियंता राड़ावास अजय रालोत ने बताया कि गोविंदपुरा बासड़ी की बुनकर बस्ती में जमीन की किस्म गोचर है। जिसके चलते कनेक्शन नहीं हो पा रहा है। सरपंच जवाहर जाट ने बताया कि गोचर भूमि की किस्म परिवर्तन को लेकर पंचायत का प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेजा जा चुका है, शीघ्र ही समस्या निस्तारण कराया जाएगा।
क्या कहते है लोग
देश को आजाद हुए 70 साल हो गए, लेकिन आज भी इन लोगों को बिजली नसीब नहीं हुई। उच्च पदों पर बैठे अधिकारी व फिर कोई नेता 1 घंटे बिजली बिना नहीं रह सकता है, लेकिन ये लोग 40 साल से रह रहे हैं। सरकार को इन लोगों की ओर ध्यान देना चाहिए।
राजेन्द्र पलसानिया, समाजसेवी
ग्रामीणों की समस्या को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवाने के बाद भी समाधान नहीं हो पाया है। बिजली के अभाव में बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे है।
धन्नालाल लांबा, पूर्व सरपंच, गोविन्दंपुरा बासड़ी
गोचर भूमि में बिजली कनेक्शन नहीं हो सकते। मामले की जांच करवाई जाएगी।
सत्यनारायण सैनी, विकास अधिकारी, शाहपुरा

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