scriptजलमहल का पानी ‘सूगली’ से गुजरे तो दर्जनों गांवों का बढ़ेगा जलस्तर | jal mahal dirty water | Patrika News
बस्सी

जलमहल का पानी ‘सूगली’ से गुजरे तो दर्जनों गांवों का बढ़ेगा जलस्तर

जिला कलक्टर के आश्वासन ने बढ़ाई ग्रामीणों की आस, सडवा और लालवास के नालों से सूखली नदी में पानी छोडऩे की मांग

बस्सीMay 30, 2018 / 04:32 pm

Surendra

sugli rever news

जलमहल का पानी ‘सूगली’ से गुजरे तो दर्जनों गांवों का बढ़ेगा जलस्तर

जमवारामगढ़. जलमहल से निकलने वाला गंदा पानी लालवास के नालों से होता हुआ कानोता बांध में पहुंच रहा है। इस पानी को प्लांट से शुद्ध कर पीली की तलाई व सूखली नदी नदी होते हुए बांध तक पहुंचाया जाए तो चार पंचायतों के दर्जनों गांवों के जलस्तर में सुधार हो सकता है। ऐसी ही उम्मीद के साथ दर्जनों ग्रामीणों ने जिला कलक्टर से जलमहल के बर्बाद पानी को नालों के रास्ते सूखली नदी में पहुंचाने की गुहार लगाई है। जिला कलक्टर द्वारा सरकार तक उनके सुझाव और मांग को पहुंचाने के आश्वासन के बाद ग्रामीणों को उपखंड के दर्जनों गांव और ढाणियों में पेयजल समस्या से निजात की उम्मीद है। ग्रामीणों का मानना है कि ‘सूखली नदी में पानी आने से नदी के मूल रूप में आने से अतिक्रमण व अवैध खनन पर लगाम लगेगी।
सूखली तक ऐसे पहुंच सकता है पानी

राजधानी जयपुर में घरों से निकलने वाला गंदा पानी जलमहल में जमा होता है। यह पानी बंधगेट के पास जलमहल की मोरी से निकलकर सड़वा और लालवास के नालों से होकर कानोता बांध में जाता है। ऐसे में बरसात के दिनों में यहां आवश्यकता से ज्यादा पानी रहने से सड़वा से लेकर लालवास और नाई की थड़ी इलाके में भूमि गीली होने से गलन हो जाती है। इससे आमजन को भारी असुविधा होती है। यदि जल महल के पानी के पानी को एसटीपी प्लांट में साफ करके जलमहल से सड़वा, पीली की तलाइ से कुंडा की ढाणी आमेर और हाथी गांव से सूखली नदी में आ रहे नाला से पानी सूखली नदी में डाला जा सकता है। सूखली नदी में पानी डालने से जल महल का पानी सूखली नदी से ढूंढ नदी के रास्ते होता कानोता बांध में चला जाएगा। सूखली नदी में जल महल का बर्बाद पानी डालने से पूरी नदी सरसब्ज हो जाएगी। नदी बेसिन के आसपास के इलाके में भूजल स्तर बढ़ जाएगा।
गलन से मिलेगी निजात

बरसात और सर्दी के मौसम में जल महल क ा गंदा पानी आसपास के मैदानी इलाकों में छोड़ा जाता है। ऐसे जरूरत से ज्यादा पानी छोड़े जाने पर मैदानी इलाकों में गलन हो जाती है। सडवा से लेकर लालवास तथा लालवास से लेकर नाई की थड़ी का इलाका गलन से प्रभावित रहता है। इससे वहां निवास करने वाले लोगों को भारी परेशानी होती है। इसलिए इस पानी को सूखली नदी में डालने से यहां न तो मैदानी क्षेत्रों में पानी छोडऩा पड़ेगा और ना उस छोड़े गए पानी से गलन की समस्या पैदा होगी।
ये गांव होंगे लाभान्वित


जलमहल का पानी सूखली नदी में डालने से इसका जलस्तर बढ़ेगा। फिर इससे जयपुर नगर निगम का वार्ड संख्या 91 के साथ उपखंड की ग्राम पंचायत नांगल सुसावतान, नारदपुरा, नटाटा, सायपुरा, लांगडियावास, गुवारडी, पिपलियावास, मथुरादासपुरा, लांगडियास वास, पशु हटवाडा, नायला मोड़, चांवड का मड सहित दो दर्जन गांव ढाणियों के निवासियों को पीने और कृषि के लिए पर्याप्त जल मिल सकेगा।
इनका कहना हैे


सूखली नदी में जल महल का पानी जरूर डाला जाना चाहिए। सूखली नदी में पानी आने से भूजल स्तर बढने से चार ग्राम पंचायतों का जल संकट समाप्त हो जाएगा तथा नदी क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण से निजात मिल जाएगी।
रमेश चंद शर्मा, सरपंच, ग्राम पंचायत सायपुरा

सूखली नदी में पानी डालने का निर्णय सरकार के स्तर पर ही हो सकता है। इस मांग को मेरी ओर से सरकार तक पहुंचाने का कार्य तत्परता से किया जाएगा।
सिद्धार्थ महाजन, जिला कलक्टर, जयपुर

Home / Bassi / जलमहल का पानी ‘सूगली’ से गुजरे तो दर्जनों गांवों का बढ़ेगा जलस्तर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो