विराटनगर में शनिवार 3 अगस्त को सात वर्षीय सन्नी घरवालो की डांट के कारण घर से भागकर अलवर जिले के राजगढ़ अपनी बुआ के घर पहुंच गया। राजगढ़ पुलिस ने बच्चे को अलवर के चाइल्ड लाइन में भिजवाया। जहां से विराटनगर पुलिस ने 4 अगस्त को दस्तयाब किया। इस बीच बच्चे के बरसाती नाले में बहने की अफवाह पर प्रशासन रातभर नाले में बच्चे को ढूंढता रहा।
ड्योढ़ी मे 15 दिनों पहले एक तीन वर्षीय बच्चे के गुम होने की अफवाह सामने आई थी। बाद मे पता चला की बच्चे को उसके ननिहाल वाले साथ ले गए थे। आपसी झगड़े की वजह से बच्चे के माता-पिता अलग-अलग रहने लगे थे जिसकी वजह से बच्चे के ननिहाल वाले बिना बताएं साथ ले गए। इस पर पूरे क्षेत्र में बच्चे के अपहरण की सूचना फैल गई। जब पता चला तो अफवाह निकली।
जोबनेर में एक बच्चे के गायब होने की अफवाह फैली, कुछ घंटों बाद ही बच्चे सकुशल घर आ गए। इस बीच पुलिस की परेड हो गई। मामला खुला तब पता लगा कि बच्चे ने पिटाई से बचने के लिए अपहरण की झूठी कहानी सुनाई थी।
चाकसू के गांव स्वामी का बास से गत 5 अगस्त को दो बच्चों के अपहरण की सूचना फैली। ये बच्चे देर रात जयपुर के गांधीनगर थाने से मिल भी गए थे। पुलिस पूछताछ में बच्चों ने स्वयं की इच्छा से जयपुर घूमने आने की बात कही थी। अपहरण की अफवाह थी।
शाहपुरा व मनोहरपुर थाना इलाके से 17 अगस्त से गायब हुए तीन स्कूली नाबालिग बच्चे सोमवार को मुंबई में मिल गए हैं। तीनों किशोर मौज-मस्ती के लिए घर से बिना बताए शिरडी के लिए निकल गए थे, जबकि तीनों बच्चों ने परिजनों को स्कूल जाने की बात कही थी। इस संबंध में परिजनों ने गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
अपहरण का जयपुर ग्रामीण में एक भी मामला सामने नहीं आया। इस तरह की चर्चाएं अफवाह हैं। मनोहरपुर के एक स्कूल के गायब हुए बच्चे भी घर पर बिना बताए घूमने गए थे। इस तरह की अफवाहों से भयभीत नहीं हो। कोई सूचना हो तो पुलिस को बताएं। कंट्रोल रूम में सूचना दें। अफवाहों से सावधान रहें।
शंकरदत्त शर्मा, पुलिस अधीक्षक जयपुर ग्रामीण