डायलिसिस के लिए निजी बैंक आईसीआईसीआई व एयू स्माल फाइनेंस बैंक की ओर से 2 और सरकार की ओर से भी 2 मशीनें उपलब्ध कराई है। इससे एक साथ 4 रोगियों की डायलिसिस हो सकेगी। इन मशीनों के शुरू होने से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित रोगियों को लाभ होेगा और उन्हे बार बार जयपुर जाने की समस्या से छुटकारा मिलेगा। अब डायलिसिस कक्ष में चारों मशीनों का इंस्टालेशन होने के बाद संचालन शुरू हो गया है। अस्पताल के पीएमओ डॉ.सुमन यादव ने बताया कि मशीनों के संचालन के लिए डॉ.विशम्भर दयाल व नर्सिंगकर्मी सुरेश शेखावत को जयपुर एसएमएस अस्पताल के नेफ्रोलोजी विभाग से 4 माह का विशेष प्रशिक्षण लिया है। अभी गुर्दे की बीमारी से पीड़ित व जरूरतमंद रोगियों को डायलिसिस के लिए 105 किलोमीटर दूर जयपुर जाना पड़ता है। प्रदेश में अभी गिने चुने शहरों में ही यह सुविधा उपलब्ध है। कोटपूतली क्षेत्र में प्रति माह 100 से 150 रोगियों का डायलिसिस होता है जो जयपुर सहित अलग-अलग स्थानों पर जाते है। डायलिसिस मशीनों के यहां शुरू होने से रोगियों को जयपुर जाने से छुटकारा मिलेगा।
पीएमओ ने बताया कि मशीनों के संचालन पर होने वाले बिजली व जरूरी दवाईयों सहित अन्य खर्च एमआरएस की ओर से किए जाएंगे। पुनर्भरण के लिए निर्धारित शुल्क वसूल किया जाएगा। बीपीएल व योजनाओं में चयनित रोगियों का डायलिसिस नि:शुल्क होगा। कई रोगियों को एक दिन छोड़कर दूसरे दिन डायलिसिस होता है। ऐसे रोगियों को यहां डायलिसिस की सुविधा शुरू होने से विशेष लाभ होगा।
कोटपूतली के आसपास 70 किलोमीटर की परिधि में कोई बड़ा सरकारी अस्पताल नहीं होने से यहां हरियाणा के रोगी उपचार के लिए आते हैं। यही कारण है यहां का आउटडोर प्रतिदिन औसतन करीब 2500 का रहता है। डायलिसिस शुरू होने से बानूसर, बहरोड़, थानागाजी, नारायणपुर व सीकर जिले के हसामपुर, पाटण, डाबला सहित हरियाणा से जुड़े नांगल चौधरी, बूढ़वाल व थनवास जैसे गांवों के रोगियों को भी लाभ होगा।
कोटपूतली के जिला स्तरीय राजकीय बीडीएम चिकित्सालय में डायलिसिस की सुविधा शुरू होने से मरीजों को राहत मिलेगी। मरीजों की परेशानी को लेकर राजस्थान पत्रिका ने कई बार समाचार प्रकाशित कर जिम्मेदारों को चेताया था। मशीनों के आने के बाद इनके शुरू नहीं होने का मुद्दा उठाया। अब मशीनों के लगने से डायलिसिस सुविधा शुरू हो गई है।
यहां अस्पताल में डायलिसिस मशीनों के शुरू होने से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित रोगियों को लाभ होगा। यहां चार मशीनें शुरू होने से एक साथ चार रोगियों को डायलिसिस संभव हो सकेगा। यहां डायलिसिस सुविधा शुरू होने से रोागियों को जयपुर जाने से भी छुटकारा मिलेगा।
डॉ.सुमन यादव,पीएमओ बीडीएम अस्पताल कोटपूतली