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लॉकडाउन में गहराया पेयजल संकट

locationबस्सीPublished: May 08, 2020 05:03:34 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

दर्जनों गांव-ढाणियों में बिजली आपूर्ति अभी बहाल नहीं, अंधड़ के बाद चार दिन से पानी के लिए त्राहि-त्राहि

लॉकडाउन में गहराया पेयजल संकट

लॉकडाउन में गहराया पेयजल संकट

कोटपूतली। अंधड़ व बारिश के कारण गत रविवार को चौपट हुए बिजली तंत्र में पूरी तरह सुधार नहीं होने से कस्बे सहित अनेक गांव ढाणियों में पेयजल संकट गहरा गया है। नलकूपों की विद्युत आपूर्ति ठप होने की वजह से लोगों को पीने के पानी की गम्भीर समस्या हो गई है। कई जगह निजी टैंकरों से जलापूर्ति करवाई जा रही है। गर्मी बढऩे से पानी की अधिक मांग हो जाने पर समस्या और भी विकट हो गई है।
80 टैंकरों का प्रस्ताव
जलदाय विभाग के एईएन डीसी गर्ग ने बताया कि सुदरपुरा ढाढा, रायकरणपुरा, शुक्लाबास, बेरी, पुरुषोत्तमपुरा, खडब, भोजावास, पंवाना व अमरपुरा सहित कस्बे में गर्मी के मद्देनजर पेयजल समस्या से निपटने के लिए 40 टैंकरों से जलापूर्ति का प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेजा हुआ है। स्वीकृति प्रक्रिया पूरी होते ही नियमित आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। इधर, इलाके में पेयजल संकट के अविलंब समाधान के लिए भाजपा प्रभारी मुकेश गोयल ने जिला कलक्टर को ज्ञापन भेजा है। उन्होंने जलापूर्ति सुचारू होने तक टैंकरों से पेयजल उपलब्ध करवाने की मांग की है।
….एक सप्ताह लगेगा
विद्युत वितरण निगम के एइएन एससी गर्ग ने बताया कि अंधड़ के कारण इलाके में कुल 650 विद्युत पोल टूटने एवं 120 ट्रांसफार्मर धराशायी होने से बिजली तंत्र को व्यापक नुकसान हुआ है। सुधार अभियान में 150 पोल व बिजली लाइनें खींच कर सभी 39 फीडरों में आपूर्ति शुरू कर दी है, लेकिन छोटे गांव ढाणियों में काम बाकी है। एक सप्ताह में पूरी तरह आपूर्ति सुचारू होने की उम्मीद है। पेयजल योजनाओं से जुड़े नलकूपों की आपूर्ति बहाल करना प्राथमिकता है।
टैंकर को देख भूल गए सोशल डिस्टेंसिंग
जोधपुरा में जलापूर्ति के बिना लोगों का बुरा हाल है। जलापूर्ति के लिए आए एक निजी टैंकर को देखते ही लोग बाल्टियां लेकर दौड़ पड़े। ग्रामीणों की भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उछ़ती नजर आई।
लाखों खर्च, फिर भी पानी को तरसे
रायकरणपुरा. रायकरणपुरा में पेयजल की समस्या होने से ग्रामीण पानी के लिए दर दर भटकने को मजबूर है, जबकी पेयजल की व्यवस्थाओं के लिए लाखों रुपए खर्च किए जा चुके है। जिस बोरवेल के माध्यम से पहले पानी की सप्लाई की जाती थी, वो नाकारा हो चुकी थी। आमजन को जब पेयजल की समस्या हुई तो विधायक कोष से पेयजल की व्यवस्था के लिए नई बोरवेल तो खोद दी गई, लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों ने बताया की पुरानी बोरवेल के नकारा होने के बाद उन्होंने प्रशासन को अवगत कराया। नई बोरवेल का काम शुरू हुआ तो ग्रामीणो की आस जागी, लेकिन ग्रामीण की यह उम्मीद ज्यादा दिनों तक टिक ना सकी। सरकारी नुमाईदों ने बोरवेल तो खोद दी, लेकिन उसमें पंप डालना भूल गए। पेयजल की इस समस्या को लेकर ग्रामीणो ने कई बार जलदाय विभाग को भी अवगत करवाया लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। अब ग्रामीण ग्रर्मी में पेयजल को लेकर चिंतित है।
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