जलदाय विभाग के एईएन डीसी गर्ग ने बताया कि सुदरपुरा ढाढा, रायकरणपुरा, शुक्लाबास, बेरी, पुरुषोत्तमपुरा, खडब, भोजावास, पंवाना व अमरपुरा सहित कस्बे में गर्मी के मद्देनजर पेयजल समस्या से निपटने के लिए 40 टैंकरों से जलापूर्ति का प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेजा हुआ है। स्वीकृति प्रक्रिया पूरी होते ही नियमित आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। इधर, इलाके में पेयजल संकट के अविलंब समाधान के लिए भाजपा प्रभारी मुकेश गोयल ने जिला कलक्टर को ज्ञापन भेजा है। उन्होंने जलापूर्ति सुचारू होने तक टैंकरों से पेयजल उपलब्ध करवाने की मांग की है।
विद्युत वितरण निगम के एइएन एससी गर्ग ने बताया कि अंधड़ के कारण इलाके में कुल 650 विद्युत पोल टूटने एवं 120 ट्रांसफार्मर धराशायी होने से बिजली तंत्र को व्यापक नुकसान हुआ है। सुधार अभियान में 150 पोल व बिजली लाइनें खींच कर सभी 39 फीडरों में आपूर्ति शुरू कर दी है, लेकिन छोटे गांव ढाणियों में काम बाकी है। एक सप्ताह में पूरी तरह आपूर्ति सुचारू होने की उम्मीद है। पेयजल योजनाओं से जुड़े नलकूपों की आपूर्ति बहाल करना प्राथमिकता है।
जोधपुरा में जलापूर्ति के बिना लोगों का बुरा हाल है। जलापूर्ति के लिए आए एक निजी टैंकर को देखते ही लोग बाल्टियां लेकर दौड़ पड़े। ग्रामीणों की भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उछ़ती नजर आई।
रायकरणपुरा. रायकरणपुरा में पेयजल की समस्या होने से ग्रामीण पानी के लिए दर दर भटकने को मजबूर है, जबकी पेयजल की व्यवस्थाओं के लिए लाखों रुपए खर्च किए जा चुके है। जिस बोरवेल के माध्यम से पहले पानी की सप्लाई की जाती थी, वो नाकारा हो चुकी थी। आमजन को जब पेयजल की समस्या हुई तो विधायक कोष से पेयजल की व्यवस्था के लिए नई बोरवेल तो खोद दी गई, लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों ने बताया की पुरानी बोरवेल के नकारा होने के बाद उन्होंने प्रशासन को अवगत कराया। नई बोरवेल का काम शुरू हुआ तो ग्रामीणो की आस जागी, लेकिन ग्रामीण की यह उम्मीद ज्यादा दिनों तक टिक ना सकी। सरकारी नुमाईदों ने बोरवेल तो खोद दी, लेकिन उसमें पंप डालना भूल गए। पेयजल की इस समस्या को लेकर ग्रामीणो ने कई बार जलदाय विभाग को भी अवगत करवाया लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। अब ग्रामीण ग्रर्मी में पेयजल को लेकर चिंतित है।