scriptएक विधवा मां की दर्द भरी दास्तां..खून के रिश्तों ने ठुकराया, पराये ने अपनाया | mother ignored by son | Patrika News
बस्सी

एक विधवा मां की दर्द भरी दास्तां..खून के रिश्तों ने ठुकराया, पराये ने अपनाया

खून से रिश्ते से बढ़कर पराये ने फर्ज निभाया

बस्सीJan 14, 2020 / 07:16 pm

Arun sharma

एक विधवा ​मां की दर्द भरी दास्तां..खून के रिश्तों ने ठुकराया, पराये ने अपनाया

एक विधवा ​मां की दर्द भरी दास्तां..खून के रिश्तों ने ठुकराया, पराये ने अपनाया

जयपुर अचरोल.. मकर संक्रान्ति पर जहां सुबह से ही लोग दान पुण्य करते नजर आए। वहीं सर्दी में कई दिनों से ठिठुरती अपनों की ठुकराई एक महिला को एक जने ने सहारा दिया। वह कई दिनों से इस महिला की सेवा कर रहा है। जयपुर निवासी एक जने ने धार्मिक स्थलों के बाहर भीख मांग कर गुजर बसर करने वाली महिला को किराये पर कमरा दिलवाया और उसकी सेवा कर रहा है। महिला की जुबानी माने तो उसका भरापूरा परिवार होने के बावजूद वह दर—दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। यह कहानी है मूलत: उदयपुर की रहनेवाली नर्भदा की।

खून के रिश्ते से बड़ा फर्ज निभाया
अपना पेट काटकर संतान एवं परिजनों को सक्षम बनाया आज वही मां खाने के निवाले को तरसती हुई भीख मांगने को मजबूर हो गई। दर-दर की ठोकरे खाने के बाद फुटपाथ को ही इस बूढ़ी मां ने अपना घर बना लिया।
यह कहानी है बेवा की
85 साल की नर्मदा उदयपुर की रहने वाली है। 40 वर्ष पहले नर्भदा के जीवन में एक तूफान आया और उसे बुरी तरह से झझोड़ दिया। नर्मदा के पति का देहांत होने के बाद उसका किसी ने साथ नहीं दिया।
15 साल पहले बेटे के साथ आई थी जयपुर
नर्मदा ने बताया कि 40 साल पहले वह अपने 15 साल के बेटे के साथ जयपुर आई थी। झोटवाड़ा, खातीपुरा, सहित जयपुर के अनेक जगहों पर घर-घर मजदूरी करके जैसे-तैसे अपने बेटे को पाला और पढ़ाई लिखाया और शादी कर दी।
रेलवे स्टेशन पर छोड़ गया बेटा
महिला की कहानी बड़ी दर्दभरी है। उसने बताया कि बेटे की शादी के बाद जब घर का खर्च बढ़ने लगा तो उसे 2013 में जयपुर रेलवे स्टेशन छोड़कर चले गए। वह पांच साल से भीख मांगकर पेट पाल रही है। इस दौरान एक शिक्षिका उसे फुटपाथ से अपने घर काम करवाने के लिए गैटोर जगतपुरा ले गई। वहां 2 माह तक काम किया। मजदूरी मांगी तो उसे पैसे देने की बजाय शिवदासपुरा वृद्धाआश्रम में छोड़ कर आ गई। वह माहौल अनुकूल नहीं होने पर 15 माह बाद जयपुर आ गई और भीख मांगकर गुजर बसर करती है।
ये बने सहारा
आमेर महल के सामने समाजसेवी रिम्मू खंडेलवाल इस महिला की सेवा कर रहा है। टोंक फाटक निवासी रिम्मू खंडेलवाल ने महिला को आमेर में कमरा दिलवाया और उसके भोजन की व्यवस्था की। रिम्मू ने बताया कि किसी पर्यटक ने उसे इस महिला के आमेर में भीख मांगने की सूचना दी। वह भीख मांग कर फुटपाथ पर सोती है। मैने वहां जाकर देखा तो वह फुटपाथ पर भीख मांग रही थी। उसे आमेर में एक कमरा दिलाकर उसकी सेवा कर रहा हूं।

Home / Bassi / एक विधवा मां की दर्द भरी दास्तां..खून के रिश्तों ने ठुकराया, पराये ने अपनाया

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो