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बस्सी

राजस्थान में यहां घटना होने पर 30 किलोमीटर दूर से आती है जीआरपी, रेलवे पुलिस थाने की दरकार

ट्रेन से कटकर मौत या आत्महत्या के मामले में आती है परेशानी

बस्सीApr 03, 2024 / 04:12 pm

vinod sharma

राजस्थान में यहां घटना होने पर 30 किलोमीटर दूर से आती है जीआरपी, रेलवे पुलिस थाने की दरकार

राजस्थान में यहां घटना होने पर 30 किलोमीटर दूर से आती है जीआरपी, रेलवे पुलिस थाने की दरकार

जयपुर जिले के चौमूं शहर में करीब आठ दशक से संचालित रेलवे स्टेशन पर जीआरपी थाना नहीं खुलने से स्टेशन के आसपास ट्रेन की चपेट में आने पर मौत होने या आत्महत्या का मामला घटित होने पर 30 किलोमीटर दूर जयपुर से रेलवे पुलिस (जीआरपी) मौके पर पहुंचती है। तब तक शव स्टेशन पर ही पड़ा रहता है। इसके साथ ही स्टेशन पर रेलवे के बड़े अधिकारी या राजनेता के आने पर भी जीआरपी पुलिस या आरपीएफ को जयपुर से आना पड़ता है। शहर में सालभर रेलगाड़ी से कटने या आत्महत्या के मामले होते रहते है। रेलवे स्टेशन के दोनों तरफ की सिग्नल के एरिया में हादसा होने पर उसकी जांच जीआरपी करती है, जबकि सिग्नल से बाहर में पुलिस करती है। दुर्घटना के बाद जांच के लिए जयपुर से जीआरपी पुलिस को कई बार आना पड़ता है, जिससे जांच में ज्यादा समय लगता है। यदि चौमूं शहर में जीआरपी थाना खुल जाए तो रेलवे क्षेत्र में होने वाली परेशानियां से निजात मिलने के साथ रेलवे स्टेशन परिसर में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों पर अंकुश लग सकता है।
मंडल रेल प्रबंधक को भेजा पत्र….
चौमूं सामोद रेलवे स्टेशन पर जीआरपी थाना खुलवाने की मांग को लेकर मंगलवार को दैनिक रेल यात्री संघ एकीकृत के अध्यक्ष कालूराम निठारवाल ने मंडल रेल प्रबंधक जयपुर को पत्र भेजा है। उन्होंने पत्र में बताया कि इस समय रेलवे स्टेशन पर एक कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई हुई है, जो नाकाफी है। यदि रेलवे स्टेशन पर जीआरपी थाना खुल जाए तो स्टेशन के अधीन आने वाले क्षेत्र में सहित परिसर में होने वाली संदिग्ध गतिविधियां नहीं होगी।

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