स्वीकृति से कम खरीदी
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान की मार्गदर्शिकता के अनुसार राज्य के कुल उत्पादन में से 25 प्रतिशत से अधिक खरीद पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। संबंधित राज्य सरकार द्वारा मात्रा का निर्धारण तय करके केन्द्र सरकार को भिजवाया दिया जाता है। राजस्थान में चने का कुल उत्पादन 2685385 टन हुआ और राज्य सरकार ने इस उत्पादन का 25 प्रतिशत अर्थात 671345.25 टन का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा। मंत्रालय द्वारा मात्र 615350 टन की स्वीकृति जारी की गई जो कि 25 प्रतिशत के बजाय 22.93 प्रतिशत होती है। अर्थात 2.08 चने की तुलाई कम करवाई गई है और वहीं दुसरी ओर तुलाई का समय 90 दिन का होता है, जबकि प्रदेश में कांटो पर तुलाई 60 दिन पश्चात बंद कर दी गई। जिसके चलते 55 हजार 250 टन चने की तुलाई अभी शेष है।
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान की मार्गदर्शिकता के अनुसार राज्य के कुल उत्पादन में से 25 प्रतिशत से अधिक खरीद पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। संबंधित राज्य सरकार द्वारा मात्रा का निर्धारण तय करके केन्द्र सरकार को भिजवाया दिया जाता है। राजस्थान में चने का कुल उत्पादन 2685385 टन हुआ और राज्य सरकार ने इस उत्पादन का 25 प्रतिशत अर्थात 671345.25 टन का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा। मंत्रालय द्वारा मात्र 615350 टन की स्वीकृति जारी की गई जो कि 25 प्रतिशत के बजाय 22.93 प्रतिशत होती है। अर्थात 2.08 चने की तुलाई कम करवाई गई है और वहीं दुसरी ओर तुलाई का समय 90 दिन का होता है, जबकि प्रदेश में कांटो पर तुलाई 60 दिन पश्चात बंद कर दी गई। जिसके चलते 55 हजार 250 टन चने की तुलाई अभी शेष है।
बकाया किसानों की उपज खरीदी जाए
अत: केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार लिपिकीय त्रुटी/भूलवश जो 2.07 प्रतिशत अर्थात 55 हजार 250 टन चना उत्पादन की तुलाई जो कम हुई है, उसे स्वीकृति प्रदान कर तुलाए जाने एवं तुलाई का समय अवधि बढ़ाकर जारी टोकनधारी किसानों को राहत प्रदान कराए। इसके साथ ही प्रदेश के रवि फसल के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर खरीदी गई उपजों का बकाया भुगतान किसानों को अविलम्ब दिलाने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित कराएंं।
अत: केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार लिपिकीय त्रुटी/भूलवश जो 2.07 प्रतिशत अर्थात 55 हजार 250 टन चना उत्पादन की तुलाई जो कम हुई है, उसे स्वीकृति प्रदान कर तुलाए जाने एवं तुलाई का समय अवधि बढ़ाकर जारी टोकनधारी किसानों को राहत प्रदान कराए। इसके साथ ही प्रदेश के रवि फसल के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर खरीदी गई उपजों का बकाया भुगतान किसानों को अविलम्ब दिलाने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित कराएंं।