हालात ये हो गए हैं कि कई जगह डामर का नामोनिशान मिट गया है तथा तीन-चार फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं, इससे वाहन हिचकौले खाते चलते हैं। आए दिन दुपहिया चालकों का गिरकर घायल होना आम हो गया है। करीब दस किलोमीटर की दूरी तय करने में ४० मिनट का वक्त जाया करना पड़ता है। सड़क के दोनों ओर की जगह समतल नहीं होने से अन्य वाहनों को साइड देना भी खतरे से खाली नहीं है।
कस्बे से चांदमाकला वाया खेड़ा बालाजी के साथ डाबिच-डिडावता, सेदरिया-डिडावता, झराणा-खिजूरिया, पीपला-चित्तौड़ा, गोपालपुरा-पीपला, माधोराजपुरा-दतूली, चांदमाकला-चांदमा-खुर्द, माधोराजपुरा-झाड़ला सड़के भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।