सवारी वाहन जरूरत से अधिक सवारियां बिठाकर कानून का उल्लंघना कर रहे हैं। बस की छत पर सफर करने से सिर्फ कानून का उल्लंघन ही नहीं होता, बल्कि इससे छात्रों की जिदंगी भी खतरे में पड़ सकती हैं।
पुलिस यातायात सप्ताह के तहत स्कूलों व आम सार्वजनिक जगहों पर शिविर लगाकर वाहन चालकों को ट्रैफिक संबंधी जानकारी देती है। लेकिन इसके बाद खुद भी कार्रवाई से दूर भागती है। वहीं निजी बस व जीप चालक भी विद्यार्थियों की जिंदगी से खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे है। निजी सवारी वाहनों में भी चालक किराए के थोड़े से लालच में विद्यार्थियों को छत पर बैठाकर फर्राटे भरते है। इससे सफर के दौरान विद्यार्थियों की जिदंगी दाव पर लगी रहती है। क्षेत्र के कई गांवों से सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी रोजाना शाहपुरा में स्कूल व कॉलेज में पढऩे के लिए आते है। सरकारी बसों के अभाव में इन्हें निजी वाहनों में सफर करना पड़ रहा है। निजी वाहन चालक विद्यार्थियों को छत पर बैठाकर या दरवाजे पर खड़े कर फर्राटे भरते है। ये विद्यार्थी छत पर बैठे होते हैं तो रास्ते में पेड़ों की टहनियां नीची होने के कारण कभी उनके मुंह पर लगती है तो कभी सिर पर। रोज इनकों इन्हीं खतरों से जूझकर घर जाना पड़ता है या कॉलेज आना पड़ता है।(का.सं.)