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बस्सी

पुलिस की नाक तले से गुजरी ओवरलोड बस, कार्रवाई दूर रोकने तक की नहीं उठाई जहमत

-जान जाखिम में डालकर छात्र कर रहे सफर

बस्सीSep 21, 2019 / 07:37 pm

Kailash Chand Barala

पुलिस की नाक तले से गुजरी ओवरलोड बस, कार्रवाई दूर रोकने तक की नहीं उठाई जहमत

पुलिस की नाक तले से गुजरी ओवरलोड बस, कार्रवाई दूर रोकने तक की नहीं उठाई जहमत

शाहपुरा.
शाहपुरा में आसपास के गांवों से शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है। शनिवार को अजीतगढ़-नीमकाथाना रोड पर पुलिस के सामने से ओवरलोड बस गुजरी, लेकिन पुलिस ने बस को रोकने तक की जहमत नहंी उठाई। पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोडते दिखे। बस की छत पर करीब १०-१२ स्कूली व कॉलेज छात्र बैठे थे। ओवरलोड सवारी वाहनों पर पुलिस का भी कोई ध्यान नहीं है।
सवारी वाहन जरूरत से अधिक सवारियां बिठाकर कानून का उल्लंघना कर रहे हैं। बस की छत पर सफर करने से सिर्फ कानून का उल्लंघन ही नहीं होता, बल्कि इससे छात्रों की जिदंगी भी खतरे में पड़ सकती हैं।
पुलिस यातायात सप्ताह के तहत स्कूलों व आम सार्वजनिक जगहों पर शिविर लगाकर वाहन चालकों को ट्रैफिक संबंधी जानकारी देती है। लेकिन इसके बाद खुद भी कार्रवाई से दूर भागती है। वहीं निजी बस व जीप चालक भी विद्यार्थियों की जिंदगी से खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे है। निजी सवारी वाहनों में भी चालक किराए के थोड़े से लालच में विद्यार्थियों को छत पर बैठाकर फर्राटे भरते है। इससे सफर के दौरान विद्यार्थियों की जिदंगी दाव पर लगी रहती है। क्षेत्र के कई गांवों से सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी रोजाना शाहपुरा में स्कूल व कॉलेज में पढऩे के लिए आते है। सरकारी बसों के अभाव में इन्हें निजी वाहनों में सफर करना पड़ रहा है। निजी वाहन चालक विद्यार्थियों को छत पर बैठाकर या दरवाजे पर खड़े कर फर्राटे भरते है। ये विद्यार्थी छत पर बैठे होते हैं तो रास्ते में पेड़ों की टहनियां नीची होने के कारण कभी उनके मुंह पर लगती है तो कभी सिर पर। रोज इनकों इन्हीं खतरों से जूझकर घर जाना पड़ता है या कॉलेज आना पड़ता है।(का.सं.)
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