राजस्व तंत्र की रीढ़ कहलाते हैं पटवारी
राजस्व महकमे की रीढ़ कहलाने वाले पटवारियों का कामकाज काश्तकार और आमजन के महत्वपूर्ण हितों से जुड़ा हुआ है। खेती बाड़ी की जमीन सहित सभी तरह की जमीनों के नाप जोख और राजस्व रिकॉर्ड को अपडेट करने जैसा महत्वपूर्ण काम इनके जिम्मे हैं। गौरतलब है कि पटवारी काफी लंबे समय से ग्रेड पे 3600 किए जाने, पदोन्नति में समय सीमा 7,14,21,28,32 वर्ष किए जाने तथा नो वर्क नो पे आदेश को वापस लिए जाने की मांग कर रहे थे। अपनी मांगों को लेकर उन्होंने एक मार्च से राजस्व कार्य के बहिष्कार का एलान किया था। इसके बाद शहीद स्मारक पर धरना दिया था लेकि कोविड के बढ़ते केसों के कारण धरने को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। पिछले दिनों एक बार फिर पटवारियों ने चेतावनी दी कि थी कि 5 जुलाई कि उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो वह एक बार फिर आंदोलन करेंगे और राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे।
राजस्व महकमे की रीढ़ कहलाने वाले पटवारियों का कामकाज काश्तकार और आमजन के महत्वपूर्ण हितों से जुड़ा हुआ है। खेती बाड़ी की जमीन सहित सभी तरह की जमीनों के नाप जोख और राजस्व रिकॉर्ड को अपडेट करने जैसा महत्वपूर्ण काम इनके जिम्मे हैं। गौरतलब है कि पटवारी काफी लंबे समय से ग्रेड पे 3600 किए जाने, पदोन्नति में समय सीमा 7,14,21,28,32 वर्ष किए जाने तथा नो वर्क नो पे आदेश को वापस लिए जाने की मांग कर रहे थे। अपनी मांगों को लेकर उन्होंने एक मार्च से राजस्व कार्य के बहिष्कार का एलान किया था। इसके बाद शहीद स्मारक पर धरना दिया था लेकि कोविड के बढ़ते केसों के कारण धरने को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। पिछले दिनों एक बार फिर पटवारियों ने चेतावनी दी कि थी कि 5 जुलाई कि उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो वह एक बार फिर आंदोलन करेंगे और राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे।