पांच वर्ष में सबसे ज्यादा
इस वर्ष जनवरी से 06 अगस्त तक बस्सी में 829 मिमी बारिश हो चुकी है। वहीं जुलाई तक यह आंकड़ा 769 रहा। अगस्त की बारिश अभी बाकी है, फिर भी यह आकड़ा पिछले पांच वर्ष के आठ माह की बारिश के बाद भी सबसे अधिक है। यानी इस वर्ष सात महीनों की बारिश अन्य वर्षों के आठ महीनों की बारिश के आकड़ों से अधिक हो चुकी है। वर्ष 2015 में जनवरी से अगस्त तक 535 एमएम, वर्ष 2016 में इसी अवधि में 542, वर्ष 2017 में 475 और फिर वर्ष 2018 में 284 एमएम रहा। इन आंकड़ों से स्पष्ट हो रहा है कि वर्ष 2019 बारिश के मामले में लगातार रिकॉर्ड बना रहा है।
इस वर्ष जनवरी से 06 अगस्त तक बस्सी में 829 मिमी बारिश हो चुकी है। वहीं जुलाई तक यह आंकड़ा 769 रहा। अगस्त की बारिश अभी बाकी है, फिर भी यह आकड़ा पिछले पांच वर्ष के आठ माह की बारिश के बाद भी सबसे अधिक है। यानी इस वर्ष सात महीनों की बारिश अन्य वर्षों के आठ महीनों की बारिश के आकड़ों से अधिक हो चुकी है। वर्ष 2015 में जनवरी से अगस्त तक 535 एमएम, वर्ष 2016 में इसी अवधि में 542, वर्ष 2017 में 475 और फिर वर्ष 2018 में 284 एमएम रहा। इन आंकड़ों से स्पष्ट हो रहा है कि वर्ष 2019 बारिश के मामले में लगातार रिकॉर्ड बना रहा है।
पिछले वर्ष की जुलाई से दोगुनी
पिछले सात वर्ष के जुलाई माह में इस वर्ष की जुलाई में सबसे अधिक वर्षा हुई है। वर्ष 2013 की जुलाई में 271 एमएम, 2014 में 81, वर्ष 2015 में 158, फिर 2016 में 221, 2017 में 134, वर्ष 2018 में 156 और इस बार 2019 के जुलाई माह में रिकॉर्ड 587 एमएम बारिश दर्ज की गई है। यानी इस बीती जुलाई में बारिश का आंकड़े पिछले सात वर्ष में दोगुने से भी अधिक है।
पिछले सात वर्ष के जुलाई माह में इस वर्ष की जुलाई में सबसे अधिक वर्षा हुई है। वर्ष 2013 की जुलाई में 271 एमएम, 2014 में 81, वर्ष 2015 में 158, फिर 2016 में 221, 2017 में 134, वर्ष 2018 में 156 और इस बार 2019 के जुलाई माह में रिकॉर्ड 587 एमएम बारिश दर्ज की गई है। यानी इस बीती जुलाई में बारिश का आंकड़े पिछले सात वर्ष में दोगुने से भी अधिक है।
तीन दिनों ने पहुंचाया 500 पार
हालांकि उपखंड क्षेत्र में मानसून की शुरुआत धीमी हुई थी लेकिन उसके बाद जो हुआ वो आश्चर्यचकित करने वाला रहा। तीन दिन की तेज बारिश ने हिसाब पूरा कर दिया। उसके अलावा 31 दिनों में 10 दिन छुटपुट बारिश होती रही। क्षेत्र में 5 जुलाई को पहली बारिश हुई। इसमें 32 एमएम बारिश हुई। इसके बाद 7 को 45, 9 को 09, 10 को 09, 20 को 01, 21 को 03, 25 को 131, 26 को 68, 27 को 211, 28 को 02, 29 को 60, 30 जुलाई को 16 एमएम बारिश हुई। इनके अलावा वाले दिन सूखे रहे लेकिन बादल तक भी छाए रहे।
हालांकि उपखंड क्षेत्र में मानसून की शुरुआत धीमी हुई थी लेकिन उसके बाद जो हुआ वो आश्चर्यचकित करने वाला रहा। तीन दिन की तेज बारिश ने हिसाब पूरा कर दिया। उसके अलावा 31 दिनों में 10 दिन छुटपुट बारिश होती रही। क्षेत्र में 5 जुलाई को पहली बारिश हुई। इसमें 32 एमएम बारिश हुई। इसके बाद 7 को 45, 9 को 09, 10 को 09, 20 को 01, 21 को 03, 25 को 131, 26 को 68, 27 को 211, 28 को 02, 29 को 60, 30 जुलाई को 16 एमएम बारिश हुई। इनके अलावा वाले दिन सूखे रहे लेकिन बादल तक भी छाए रहे।
6 दिनों में 60 एमएम से अधिक
क्षेत्र में अगस्त के छह दिनों में 60 एमएम से अधिक बारिश हो चुकी है। 1 से 4 अगस्त तक तो काले बादल छाए रहे लेकिन 5 अगस्त को बारिश हुई। इसके बाद 6 अगस्त को तेज बारिश देखने को मिली। सुबह तक 8 बजे तक 6 एमएम और फिर सुबह 8 से शाम 5 बजे तक 54 एमएम बारिश हुई। पूरे दिनभर की बारिश को मिलाकर यह आंकड़ा 60 को पार कर गया।
क्षेत्र में अगस्त के छह दिनों में 60 एमएम से अधिक बारिश हो चुकी है। 1 से 4 अगस्त तक तो काले बादल छाए रहे लेकिन 5 अगस्त को बारिश हुई। इसके बाद 6 अगस्त को तेज बारिश देखने को मिली। सुबह तक 8 बजे तक 6 एमएम और फिर सुबह 8 से शाम 5 बजे तक 54 एमएम बारिश हुई। पूरे दिनभर की बारिश को मिलाकर यह आंकड़ा 60 को पार कर गया।