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अधिकारों से वंचित महिलाओं के लिए आवाज बनीं रत्नाकुमारी

महिलाओं को सशक्त बनाने का अर्थ है, उन्हें इस पुरुष प्रधान संस्कृति में अपने आत्म-मूल्य का अहसास करने के लिए बढ़ावा देना। इसका अर्थ महिलाओं को अपनी कमजोरियों से वाकिफ कराना और खुद के लिए खड़े होने की क्षमता तय करने में बढ़ावा देना और उनकी मदद करना भी है…

बस्सीFeb 18, 2022 / 10:43 pm

Gaurav Mayank

अधिकारों से वंचित महिलाओं के लिए आवाज बनीं रत्नाकुमारी

अधिकारों से वंचित महिलाओं के लिए आवाज बनीं रत्नाकुमारी

जयपुर। महिलाओं को सशक्त बनाने का अर्थ है, उन्हें इस पुरुष प्रधान संस्कृति में अपने आत्म-मूल्य का अहसास करने के लिए बढ़ावा देना। इसका अर्थ महिलाओं को अपनी कमजोरियों से वाकिफ कराना और खुद के लिए खड़े होने की क्षमता तय करने में बढ़ावा देना और उनकी मदद करना भी है। समाजसेविका रानी रत्ना कुमारी (Ratna Kumari Shahpura) ने बताया कि महिला सशक्तिकरण का अर्थ जाति और पंथ के बावजूद सभी क्षेत्रों में समान अवसर की शक्ति देना भी है। महिला सशक्तिकरण, महिलाओं को शक्तिशाली बनाने के लिए माना जाता है, ताकि वे अपने लिए सही और गलत चीजों का फैसला कर सकें।
अपने अधिकारों से वंचित महिलाओं के लिए किया काम
रत्नाकुमारी (Ratna Kumari Shahpura) ने ऐसी महिलाओं के लिए विशेष रूप से काम किया, जो अपने अधिकारों से वंचित रही हैं। अच्छी तरह से शिक्षित राजपूत परिवार की पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाली रानी रत्ना कुमारी ने जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू से वाणिज्य में स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएट) की पढ़ाई पूरी की। वह कौशल विकास और शहर में महिलाओं के लिए विभिन्न रोजगार के अवसर प्रदान करके महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों में शामिल रही हैं। उनकी कार्य संस्कृति में बेहतर शिक्षा के साथ लड़कियों की मदद करना, वहां रहने वाले लोगों के उत्थान के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना शामिल है।
ट्रस्ट से महिलाओं तक पहुंचाई मदद
रत्ना कुमारी (Ratna Kumari Shahpura) ने वर्ष 2016 में वंचित महिलाओं और समुदायों के लिए एक ट्रस्ट ‘रानी रत्न कुमारी फाउंडेशन’ भी स्थापित किया। ट्रस्ट के माध्यम से उन्होंने विराटनगर में कई नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर और रक्तदान शिविर के आयोजन अब तक कराए। महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ वह यह भी सुनिश्चित करती हैं कि महिलाएं विभिन्न गांवों में ‘सखी मंडल’ (Sakhi mandal) नामक स्वयं सहायता समूह जैसे रोजगारों की विभिन्न पहल करें। उन्होंने गर्भवती महिला, बाल स्वास्थ्य, कुपोषण उन्मूलन और कल्याण के लिए कुशलता से मार्गदर्शन शिविर आयोजित किए। इसी के साथ वंचित बच्चों के लिए शिक्षण सप्ताह का आयोजन भी उनके द्वारा करवाया गया।

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