अपने अधिकारों से वंचित महिलाओं के लिए किया काम
रत्नाकुमारी (Ratna Kumari Shahpura) ने ऐसी महिलाओं के लिए विशेष रूप से काम किया, जो अपने अधिकारों से वंचित रही हैं। अच्छी तरह से शिक्षित राजपूत परिवार की पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाली रानी रत्ना कुमारी ने जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू से वाणिज्य में स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएट) की पढ़ाई पूरी की। वह कौशल विकास और शहर में महिलाओं के लिए विभिन्न रोजगार के अवसर प्रदान करके महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों में शामिल रही हैं। उनकी कार्य संस्कृति में बेहतर शिक्षा के साथ लड़कियों की मदद करना, वहां रहने वाले लोगों के उत्थान के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना शामिल है।
रत्नाकुमारी (Ratna Kumari Shahpura) ने ऐसी महिलाओं के लिए विशेष रूप से काम किया, जो अपने अधिकारों से वंचित रही हैं। अच्छी तरह से शिक्षित राजपूत परिवार की पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाली रानी रत्ना कुमारी ने जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू से वाणिज्य में स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएट) की पढ़ाई पूरी की। वह कौशल विकास और शहर में महिलाओं के लिए विभिन्न रोजगार के अवसर प्रदान करके महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों में शामिल रही हैं। उनकी कार्य संस्कृति में बेहतर शिक्षा के साथ लड़कियों की मदद करना, वहां रहने वाले लोगों के उत्थान के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना शामिल है।
ट्रस्ट से महिलाओं तक पहुंचाई मदद
रत्ना कुमारी (Ratna Kumari Shahpura) ने वर्ष 2016 में वंचित महिलाओं और समुदायों के लिए एक ट्रस्ट 'रानी रत्न कुमारी फाउंडेशन' भी स्थापित किया। ट्रस्ट के माध्यम से उन्होंने विराटनगर में कई नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर और रक्तदान शिविर के आयोजन अब तक कराए। महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ वह यह भी सुनिश्चित करती हैं कि महिलाएं विभिन्न गांवों में 'सखी मंडल' (Sakhi mandal) नामक स्वयं सहायता समूह जैसे रोजगारों की विभिन्न पहल करें। उन्होंने गर्भवती महिला, बाल स्वास्थ्य, कुपोषण उन्मूलन और कल्याण के लिए कुशलता से मार्गदर्शन शिविर आयोजित किए। इसी के साथ वंचित बच्चों के लिए शिक्षण सप्ताह का आयोजन भी उनके द्वारा करवाया गया।
रत्ना कुमारी (Ratna Kumari Shahpura) ने वर्ष 2016 में वंचित महिलाओं और समुदायों के लिए एक ट्रस्ट 'रानी रत्न कुमारी फाउंडेशन' भी स्थापित किया। ट्रस्ट के माध्यम से उन्होंने विराटनगर में कई नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर और रक्तदान शिविर के आयोजन अब तक कराए। महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ वह यह भी सुनिश्चित करती हैं कि महिलाएं विभिन्न गांवों में 'सखी मंडल' (Sakhi mandal) नामक स्वयं सहायता समूह जैसे रोजगारों की विभिन्न पहल करें। उन्होंने गर्भवती महिला, बाल स्वास्थ्य, कुपोषण उन्मूलन और कल्याण के लिए कुशलता से मार्गदर्शन शिविर आयोजित किए। इसी के साथ वंचित बच्चों के लिए शिक्षण सप्ताह का आयोजन भी उनके द्वारा करवाया गया।