बस्सी तहसील क्षेत्र में आने वाली अरावली की पहाडिय़ों में अवैध खनन को लेकर 15 फरवरी को राजस्व और जेडीए की टीम ने सर्वे किया था। इस सर्वे के दौरान नायब तहसीलदार बस्सी शिवदयाल शर्मा और जेडीए के अधिकारियों ने वैध-अवैध खनन की रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को भेजी थी। इसके बाद बुधवार सुबह अवैध खनन पर कार्रवाई अमल में लाई गई।
उपखंड अधिकारी बस्सी रामकुमार वर्मा ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 4.30 बजे ही कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इसके लिए बस्सी सहायक पुलिस आयुक्त सुरेश सांखला के साथ बस्सी, कानोता, तूंगा थानाधिकारी और उनकी टीम के साथ जयपुर कमिश्नेट का पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचा। उसके बाद जयपुर विकास प्राधिकरण जोन 13 के उपायुक्त, तहसीलदार और डिप्टी भी पहुंच गए। साथ ही बस्सी नायब तहसीलदार और उपखंड की राजस्व विभाग की टीम भी आ गई। इस तरह यहां चार विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में जेसीबी से अवैध खनन को रोकने की कार्रवाई शुरू की गई।
पत्थरों के अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर पहाडिय़ों की ओर जाने वाले कच्चे रास्तों को अवरुद्ध किया गया। इसके लिए रास्तों के बीच में गड्ढा खोदा गया ताकी वाहन पहाड़ी तक आ-जा नहीं सकें। जेडीए और राजस्व विभाग के अन्तर्गत आने वाली करीब आधा दर्जन से अधिक जगहों पर टीमों ने अवैध खानों के रास्तों को खोदकर ‘खाईÓ बनाई दी। इनमें बैनाडा, हरडी, घाटा, दयारामपुरा, कानोता, हरध्यानपुरा, मानगढ़ खोखावाला और कूथाडा गांव से होकर जाने वाले रास्ते शामिल हैं।
खनन की जांच कर उनके रास्तों को अवरूद्ध करने के लिए आठ टीमें गठित की गई। इनमें उपखंड प्रशासन, पुलिस और रेवन्यू के अधिकारी शामिल रहे।
टीम एक: थानाधिकारी कानोता नरेन्द्र खीचड़ और बस्सी नायब तहसीलदार शिवदयाल शर्मा
टीम दो : थानाधिकारी बस्सी शिवकुमार भारद्वाज और तूंगा नायब तहसीलदार राकेश जैन
टीम तीन : तूंगा थानाधिकारी रमेश मीणा और गिरदावर कानोता महेश परेवा
टीम चार: जेडीए एसएचओ प्रमोद कुमार और गिरदावर बस्सी अब्दुल खान
टीम पांच : जेडीए से रघुवीर सिंह और बैनाड़ा पटवारी विकास कुमार
टीम छह : जेडीए से हनुमान सिंह और कानोता पटवारी दिनेश कुमार
टीम सात : जेडीए से जितेन्द्र सिंह और गिरदावर रतनसिंह
टीम आठ : किशन सिंह और पटवारी रामकिशोर गुर्जर
क्षेत्र में चोरी छिपे किए जाने वाले खनन पर लगातार निगाह बनाए रखने के लिए यहां होकर गुजर रहे रास्तों में सरकारी संस्थानों और दूसरे चारे रास्तों पर सीसीटीवी लगवाए जाएंगे। इससे रात के अंधेरे में या रैकी कर निकलने वाले वाहनों को पकडऩे में आसानी रहेगी।