सडक़ पर पानी भराव से वाहनचालकों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पानी भरने से सडक़ पर लम्बे-चौड़े गडढे नजर नहीं आने से वाहनचालकों को हादसे का खतरा बना हुआ है। यहां के निवासी सुनील शर्मा ने बताया कि सडक़ के गडढों में पानी भरने से यहां दो -तीन दोपहिया वाहन चालक फिसलकर गिर चुके हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार सुध नहीं ले रहे।
खोरी निवासी धर्मपाल यादव ने बताया कि इस रोड पर वाहनचालकों से लम्बे से टोल वसूली की जा रही है, लेकिन यात्रियों की सुविधा की तरफ कोई ध्यान नहीं है। खस्ताहाल सडक़ की मरम्मत के लिए बार बार अवगत कराने और राजस्थान संपर्क पोर्टल पर शिकायत करने के बावजूद सडक़ की मरम्मत नहीं की जा रही। जबकि यहां अब तक कई हादसे हो चुके हैं। गड्ढों में पानी भरने से पैदल राहगीरों का तो निकलना ही दूभर हो रहा है।
ऐसा ही हाल नाथावाला बस स्टैण्ड के आसपास और अजीतगढ़ रीको के पास का है। यहां भी सडक़ कम और गड्ढे अधिक नजर आते हैं। इसके बाद भी आरएसआरडीसी की ओर से मरम्मत नहीं की जा रही। जिससे यात्री परेशान है। इस मामले में राजस्थान पत्रिका ने १६ जुलाई के अंक में भी शाहपुरा-अजीतगढ़ स्टेट हाइवे के जख्म दे रहे दर्द, कब लगेगा मरम्मत का मरहम शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर जनता की समस्या को प्रमुखता से उठाया था।
साईवाड़ मोड़ पर करीब 12 फीट तक सडक़ गडढों में तब्दील
यहां साईवाड़ मोड़ पर करीब 10 से 12 फीट का लम्बा-चौड़ा गडढा बना हुआ है। जिसमें बारिश का पानी भरने से वाहनचालक गहराई का अंदाजा नहीं लगा पाते। इस गडढे में पांच दिन पहले रात २ बजे एक चारे से भरी ट्रॉली पलट गई थी। हादसे के दौरान चालक बाल बाल बचा था। इससे पहले एक ट्रोला बीच में से टूट गया था।
यहां साईवाड़ मोड़ पर करीब 10 से 12 फीट का लम्बा-चौड़ा गडढा बना हुआ है। जिसमें बारिश का पानी भरने से वाहनचालक गहराई का अंदाजा नहीं लगा पाते। इस गडढे में पांच दिन पहले रात २ बजे एक चारे से भरी ट्रॉली पलट गई थी। हादसे के दौरान चालक बाल बाल बचा था। इससे पहले एक ट्रोला बीच में से टूट गया था।