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बस्सी

यहां शिवभक्त सावन में ऐसे पूरी करते अनूठी डाक कावड़

सावन मास में शिवभक्ति का अनूठी परम्परा, कावड़ लेकर दौड़ते निश्चित स्थान तक दो भक्त, पहुंचते निर्धारित शिव मंदिर पर करते जलाभिषेक

बस्सीJul 18, 2020 / 07:32 pm

Gourishankar Jodha

यहां शिवभक्त सावन में ऐसे पूरी करते अनूठी डाक कावड़

यहां शिवभक्त सावन में ऐसे पूरी करते अनूठी डाक कावड़

पावटा। भगवान भोलेनाथ की भक्ति का पर्व सावन मास चल रहा है, शिवभक्त अलग-अलग अंदाज में भक्ति कर शिवशंकर को लुभा रहे हैं। इसमें से एक है डाक कावड़ यात्रा, जिसे भोले के भक्त दौड़ते हुए पूरा करते है। डाक कावड़ में एक जना कावड़ को कंधे पर रख कर दौड़ता रहता है। इसके साथ एक साथी और रहता है वह भी दौड़ता रहता है। बाकि सदस्य एक वाहन पर सवार रहते है। एक निश्चित दूरी पर अपना वाहन खड़ा कर देते है व कावड़ लेकर दौड़ रहे दोनों सदस्यों को वाहन में बैठा कर दो और सदस्य कावड़ लेकर दौडऩे के लिए उतार देते है। इसी क्रम को निर्धारित स्थान आने तक करने के बाद निर्धारित शिव मंदिर में पहुंच कर कावड़ से बाबा भोले का जलाभिषेक करते है।
श्रीराम गौ-सेवा समिति एवं डाक कावड़ संघ के तत्वावधान में कस्बे के श्री गोपाल भैय्या मंदिर में डाक कावड़ लाकर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक कर सुख समृद्धि व कोरोना के दुष्प्रभाव से आमजन को मुक्ति दिलाने की कामना की। कार्यक्रम संयोजक प्रहलाद सैन ने बताया कि मनोज शास्त्री, प्रहलाद सैन, कालू कुमावत, महेश कुमावत, विनोद यादव, गोपाल टांक, सोहनलाल सैनी, भानु सैन, इंद्रजीत टीलावत व मुरारी कुमावत ने सीकर जिले में स्थित गणेश्वरधाम से कावड़ में जल भरकर 40 किमी. दौड़ते हुए 2 घंटे में पावटा पहुंच कर भोलेनाथ का जलाभिषेक वेद मंत्रों के साथ किया।
तिरंगा यात्रा नहीं होने का रहा मलाल
हर वर्ष को तिरंगा यात्रा के साथ कावड़ लाई जाती रही है, लेकिन इस वर्ष डाक कावड़ से बाबा भोले का जलाभिषेक किया गया, तिरंगा यात्रा नहीं होने का मलाल शिव भक्तों में साफ दिखाई दे रहा था। अलवर में भरतहरी धाम के समीप स्थित नंदेश्वर धाम से जैतपुर खींची नीलकंठ महादेव मंदिर की दूरी 96 किमी है। 11 सदस्यों ने यह दूरी 6 घंटे में पूरी की। 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भक्त चले, करीब 9 किमी का रास्ता पथरीला होने से इस वर्ष डाक कावड़ लाने में कठिन परिश्रम करना पड़ा।
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