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ऑडियो सुनकर की पढ़ाई, ऐसे पाया बड़ा मुकाम

सुभाष की याद दास्त इतनी अच्छी है कि जिस रास्ते से वह एक बार निकल गया तो उस रास्ते से वह कभी भी आने जाने में तकलीफ महसूस नहीं करता

बस्सीMar 20, 2020 / 12:07 am

Gourishankar Jodha

ऑडियो सुनकर की पढ़ाई, ऐसे पाया बड़ा मुकाम

ऑडियो सुनकर की पढ़ाई, ऐसे पाया बड़ा मुकाम

पावटा। उसने ऑडियो पर सुनकर पढ़ाई का तरीका अपनाया और आज इस पद पर जा पहुंचा की सब उसका सम्मान कर रहे हैं। यह सब कर दिखाया कस्बे के विराट नगर के पापड़ी गांव निवासी सुभाष कुमावत ने जो बचपन से ही नेत्रहीन होने के बाद कड़ा संघर्ष कर तृतीय श्रेणी अध्यापक बन गए। जिनका कस्बे के बीएल जांगिड कटले में कुमावत समाज के लोगों ने सम्मान कर उत्साह बढ़ाया।
सभी कठिनाइयों का सामना किया
सुभाष के इस मुकाम पर पहुंचने कहानी रोचक है। नेत्र हीन व्यक्ति का जीवन जीना कठिनाइयों से भरा हुआ होता है, लेकिन सुभाष ने सभी कठिनाइयों का सामना किया। सुभाष नेत्रहीन होने के बाद स्वयं मजदूरी के सात ही समय निकाल कर पढ़ाई करता था। पढ़ाई करने का तरीका सिर्फ ऑडियो सुनना ही था, और उसी से अपनी पढाई करके तृतीय श्रेणी का अध्यापक बन गया।
नेत्रहीन होने के बाद कड़ा संघर्ष किया
समारोह संयोजक लक्ष्मीनारायण प्रजापति ने बताया कि सुभाष की याद दास्त इतनी अच्छी है कि जिस रास्ते से वह एक बार निकल गया तो उस रास्ते से वह कभी भी आने जाने में तकलीफ महसूस नहीं करता। फोन नंबर की बात करे तो उसको सभी संपर्क वाले लोगों के फोन नंबर याद है। विराट नगर के पापड़ी गांव निवासी सुभाष कुमावत जो बचपन से ही नेत्रहीन होने के बाद कड़ा संघर्ष कर तृतीय श्रेणी अध्यापक बनने पर अभिनंदन किया। इस मौके पर गुरुवार को प्रजापति समाज के सदस्य लक्ष्मी नारायण कुमावत,टिंकु प्रजापति,मुकेश कुमावत,मुरलीधर खोवाल,राजेश कुमावत,मालीराम प्रजापत सहित अनेक लोगो ने सुभाष का सम्मान किया।
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