पाक्सो एक्ट का मतलब है प्रोटक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रोर्म सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012 यानी लैंगिक उत्पीडऩ से बच्चों के संरक्षण अधिनियम। इस अधिनियम के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के सुरक्षा करना था। इसके अलावा एेसी शिकायत करने उन्हें इस बाक्स की मदद मिलनी थी। 14 नवम्बर 2012 को यह नियम लागू किया गया है। पांच साल बाद भी यह नजर नहीं आया।
पाक्सो बॉक्स लगाए जाने से उस स्कूल का बच्चा अपने या साथी के साथ हो रहे अपराध के बारे में लिख कर बता सकता था। जिसपे जल्द से जल्द उस स्कूल के प्रबंधन को अपराध को रोकने का काम करना था। इस एक्ट के तहत उस बच्चें का नाम गोपनीय रखा जाता। जायजा लेने पर पता चला कि स्वामी विवेकानंद स्कूल में एक माह पहले ही लगाया गया है पाक्सो।
प्राचार्या मनीषा खत्री ने बताया की जैसे ही पॉक्सो बॉक्स लगाया गया वैसे इसके बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी गई। प्रति दिन बच्चो को लैगिंक अपराध के बारे में बताया जाता है साथ ही पाक्सो बॉक्स के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।
एमएलबी स्कूल प्राचार्य ज्योति श्रीवास्तव ने कहा कि पाक्सो बॉक्स तो नहीं लगाया गया है, पर लैगिंक अपराधो को रोकने के लिए स्कूल में सदस्यों का गठन जरूर किया गया। निर्मल विद्यालय प्राचार्य फादर मैथ्यू ने बताया कि पाक्सो बॉक्स हमने बनने के लिए दिया है, आने वाले सप्ताह में स्कूल परिसर में पाक्सो बॉक्स लगा दिया जाएगा। बस्तर हाई स्कूल प्राचार्य सुषमा झा ने बताया कि मुझे इस की जानकारी नहीं है पर मै जल्द अब इस विषय पर काम करूंगी ताकि मेंरे स्कूल के बच्चों का भविष्य सुधरे। सेंट जेविरय स्कूल प्राचार्य बलबीर कौर ने बताया कि लगाया गया था। कुछ दिन हुआ इसे हटा दिया गया है।