घटना तक सामन आयी जब पुलिस अधीक्षक धर्मवीर भारती वार्षिक निरिक्षण पर इटवा थाने पहुंचे और वहां चेकिंग के दौरान मालखाने का असलहा गिनवाया। तब जाकर पता चलाक कि शस्त्रागार में से एक AK 47 गायब थी। पुलिस अधीक्षक के अलावा वहां मौजूद थानेदार सहित सीओ श्रीयश त्रिपाठी व क्राइम ब्रांच की टीम ने डेढ़ घंटे तक बैठक कर सभी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। देर रात इसकी जानकारी मिली तो पुलिस कर्मियों के हाथ-पांव फूल गए।
खबर मिलते ही आईजी-डीआईजी सहित सभी अधिकारी सक्रिय हो गए।सीओ श्रीयश त्रिपाठी ने इस बात की पुष्टि किया कि मालखाने से एक लोडेड AK 47 और 10 कारतूस गायब है और मामले की जांच सीओ को सौंपी गयी है। इसके बाद मालखाने से अभिलेखों का मिलान कराया गया। दूसरे दिन सोमवार को दिन भर मइहकमे में हलचल रही और हरकोई असलहा ढूंढने के लिये चौकन्ना रहा। लोडेड AK 47 कब और कैसे गायब हो गयी यह साफ नहीं हो पाया है।
इस मामले में एसपी धर्मवीर सिंह ने एसओ इटवा अनिल प्रकाश पाण्डेय, हेड कॉन्सटेबल विपिन कुमार भट्ट, सिपाही विमल किशोर मिश्र, हेड मुहर्रिर वीरेन्द्र यादव और राम प्रताप सिंह के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निलम्बित कर दिया।