सबसे पहले डीएम रोडवेज पहुंचे। यहां एक दिव्यांग सड़क किनारे ठंड से ठिठुर रहा था। डीएम गाड़ी से नीचे उतरे और उसे कंबल ओढ़ा दिया। इतने में ही डीएम की नजर पास दो रिक्शों पर पड़ी। अपर जिलाधिकारी भगवान शरण ने दोनों के बारे में पूछताछ की। दोनों स्थानीय थे। एक ने बताया उसे कंबल मिला है लेकिन साथ लाना भूल गया। दूसरे ने आवश्यकता जताई तो डीएम ने उसे भी कंबल दे दिया।
इस दौरान डीएम ने रोडवेज परिसर में घूमकर यात्रियों को देखा। कोई रात में बस के इंतजार में नहीं मिला। एडीएम के साथ डीएम रेलवे बस स्टेशन गए। दो जरूरतमंदों को यहां भी कंबल दिया। वह पुरानी बस्ती दक्षिण दरवाजा होते हुए जिला अस्पताल रोड पहुंचे। इस तरह डीएम रात में घने कोहरे के बीच रात 12 बजे से 1 बजे तक ठंड से ठिठुर रहे गरीब, मजलूमों को कंबल वितरित करते रहे।
ठंड के मद्देनजर मरीजों और उनके तीमारदारों की शिकायतें जैसे ही डीएम के फोन पर पहुंची, वह आईएएस चंद्रमोहन गर्ग के साथ सरकारी अस्पतालों का हाल जानने निकल पड़े। जिलाधिकारी शाम 7 बजे से लेकर आठ बजे तक महिला अस्पताल, जिला अस्पताल और ओपेक चिकित्सालय कैली में निरीक्षण करते रहे और चिकित्सा सुविधाओं की हकीकत जानी। रैन बसेरा और अलाव व्यवस्था परखी। मरीजों को असुविधा होने पर सीएमएस को कार्रवाई के लिए चेताया।
कड़ाके की ठंड में मरीजों के लिए अस्पताल में अलाव के साथ ही बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम इमरजेंसी पहुंचे। यहां मरीजों की संख्या देखी। इमरजेंसी में ठंड से बचाव के उपकरण उपलब्ध कराने को कहा। इस दौरान डीएम ने जिले के सभी विभागों के अफसरों को निर्देश दिए कि ठंड में किसी भी जरूरतमंद को परेशानी नहीं होनी चाहिए।