दरअसल भाजयूमो के बस्ती जिलाध्यक्ष शिवांशु मिश्रा और एबीवीपी प्रदेश संगठन मंत्री नागेन्द्र बहादुर सिंह व जिला मंत्री भूपेन्द्र बहादुर सिंह कहीं जा रहे थे। शहर से निकलकर उनकी गाड़ी जब टोल पर पहुची तो यहां उन लोगों और टोल कर्मियों के बीच विवाद हो गया। आरोप है कि टोल नाके पर लोकल बताने और लोकल की आईडी दिखाने के बावजूद भी टोलकर्मी पर्ची काटने की जिद पर अड़ गए। इसको लेकर विवाद बढ़ा और दोनों ओर से तू-तू मैं-मैं हुई। देखते ही देखते टोल जंग का मैदान बन गया। टोल कर्मियों ने बीजेपी नेताओं की पिटायी शुरू कर दी। दावा किया गया है कि एक साथ 20 से अधिक टोल कर्मी उन पर लाठी-डंडा लेकर टूट पड़े। दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। भाजापाइयों ने किसी तरह भागकर अपने को बचाया।
घटना की सूचना मिलने के बाद तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। टोलकर्मियों की गुंडागर्दी से नाराज बीजेपी नेता काफी देर तक वहीं जमे रहे। आक्रोशित भाजपा नेताओं ने टोल पर ईंट बाजी भी की। पुलिस ने किसी तरह मामला शांत कराने के बाद घायल बीजेपी नेताओं को जिला अस्पताल पहुंचवाया। जहां भाजपाई काफी देर तक जमा रहे। उधर टोल प्लाजा कर्मियों की गुंडई देखने के बाद पुलिस भी सख्त हो गयी है। सत्ताधारी दल के नेताओं की सरेआम पिटायी करने वाले टोल कर्मियों का मनोबल इस कदर बढ़ा हुआ था कि तीन-चार नेताओं पर 20 से अधिक कर्मचारी टूट पड़े और बुरी तरह पीटा। हालांकि इस मामले में जब एसपी पंकज कुमार से बात करने की कोशिश की गयी तो वह इससे पूरी तरह अंजान लगे, फोन करने पर कहा कि वह बिजी हैं।
By Satish srivastava