डीएम ने पांचवी क्लास के बच्चों को पढ़ाते वक्त उनसे पूछा कि कितने बच्चों के घर शौचालय नहीं। बच्चो का जवाब मिलने के बाद तत्काल बीडीओ को बच्चों के नाम नोट कर उनके घर में शौचालय बनवाने की भी निर्देश दिया। डीएम ने छात्र छात्राओ से उनके विषय के साथ-साथ जनरल नॉलेज की चीजें भी पूछीं। बच्चों ने भी अपने नये गुरु को पाकर बेहद खुश नजर आये और बड़ी ही खुशी के साथ डीएम और एसडीएम से बिना डर बातचीत की। डीएम ने कहा कि सरकारी स्कूलो की गुणवत्ता को सुधारने के लिये अब जिले के सभी अफसरों को प्राईमरी स्कूल मे जाकर एक एक दिन पढाना होगा। जिससे आम लोगों की मानसिकता बदले और कान्वेंट स्कूल की तुलना मे प्राईमरी स्कूलो की तरफ लोगो का रुझान बढे।
अचानक डीएम के पहुंचने के बाद स्कूल की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त नजर आई। डीएम ने इस स्कूल को गोद लेने की बात कही और अफसरों को निर्देश दिया कि पूरे परिसर को माडल बनाया जाय। एसडीएम चन्द्रमोहन गर्ग ने भी कक्षा चार के बच्चों की क्लास ली। उन्होंने बच्चों से बेसिक चीजें पूछीं और उन्हे 30 मिनट तक पढाया। जिले के दो बड़ अफसरों की इस पहल के बाद अब देखना होगा कि प्राईमरी स्कूलों की दशा मे कोई बदलाव आता है या नही। यह भी देखना होगा कि डीएम के निर्देश पर सभी अफसर स्कूलों में अपना समय देते हैं या नहीं।
by SATISH SRIVASTAVA