जहां एक किसान की बेटी ने सिर्फ इसलिये फांसी लगाकर जान देने की कि उसके पिता फसल अभी बेच नही पाये थे। जिसका बजह से बेटी का एडमिशन नहीं हो पा रहा था। पिता मजबूर था तो बेटी को लगा कि क्यो मैं अपने पिता पर बोझ बनूं । उसने अपनी जिंदगी को फांसी लगाकर खत्म कर लिया।
वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के भुजैनिया गांव निवासी वृजभान चौहान की बेटी विनीता (16) ने घर के पीछे रखी बांस की सीढ़ी में दुपट्टे का फंदा बनाकर फांसी लगा ली।
शुक्रवार को परिजनों की नजर शव पर पड़ी तो सूचना वाल्टरगंज थाने को दी गई। पुलिस पूछताछ में परिजनों ने बताया कि विनीता ने कक्षा पांच तक की पढ़ाई थी। करीब दो साल से बीमार रहने के कारण उसकी पढ़ाई छूट गई। इस साल जुलाई की शुरूआत से ही वह स्कूल में एडमिशन कराने को कह रही थी। पिता ने धान की रोपाई बाद पैसों का प्रबंध कर नाम लिखवाने को कहा था।
बुधवार को विनीता अकेले ही किसी स्कूल पर गई और कक्षा सात में पढ़ने की बात कही। लेकिन टीसी व अन्य जरूरी कागजात लाने को कहकर स्कूल से लौटा दिया गया। परिजनों की मानें तो विनीता इससे काफी निराश थी। गुरुवार की रात खाना खाकर सोने के बाद भोर में उठने पर घर के पीछे छत पर जाने के लिए रखी सीढ़ी में दुपट्टे से लटकती उसकी लाश मिली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की छानबीन शुरू कर दी है ।
input by- satish shrivastav