scriptदो दिन तक ट्रेन में ही सफर करता रहा श्रमिक का शव, रेलवे की लापरवाही आई सामने | Labour body kept traveling in the train for two days | Patrika News
बस्ती

दो दिन तक ट्रेन में ही सफर करता रहा श्रमिक का शव, रेलवे की लापरवाही आई सामने

श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से एक मजदूर झांसी से बैठकर बस्ती के लिए निकला था लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

बस्तीMay 30, 2020 / 02:16 pm

Neeraj Patel

दो दिन तक ट्रेन में ही सफर करता रहा श्रमिक का शव, रेलवे की लापरवाही आई सामने

दो दिन तक ट्रेन में ही सफर करता रहा श्रमिक का शव, रेलवे की लापरवाही आई सामने

बस्ती. भारतीय रेलवे की एक ऐसी लापरवाही सामने आई है जिसे सुनने के बाद किसी की भी रूह कांप जाए, एक लाश कई दिन तक भारतीय रेलवे की ट्रेन में सफर करती रही और कई स्टेशनों से होकर वह गुजर भी गई लेकिन किसी भी रेलवे कर्मचारी या यात्रियों को इस मजदूर की लाश नहीं दिखी। अब जब परिवार के पास इस मजदूर के मौत की सूचना पहुंची तो परिवार के सामने मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो। दरअसल श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से एक मजदूर झांसी से बैठकर बस्ती के लिए निकला था लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई और लाश टॉयलेट में कई दिन तक ट्रेन में ही सफर करता रही।

दरअसल मजदूर मोहन लाल शर्मा बस्ती के गौर थाना क्षेत्र के बेलवरिया जंगल गांव का रहने वाला था और वह महाराष्ट्र में एक प्राइवेट कंपनी में वाहन चलाने का काम करता था। देश में जब कोरोना वायरस का संक्रमण फैला तो अन्य मजदूरों की तरह वह भी अपने गांव के लिए निकल पड़ा और झांसी में एक स्पेशल श्रमिक ट्रेन में वह 22 मई को सवार हुआ। इस स्पेशल श्रमिक ट्रेन को 24 मई को गोरखपुर स्टेशन पर पहुंचना था। ट्रेन पहुंची तो जरूर लेकिन मोहन लाल शर्मा की सांसे अपने गांव पहुंचने से पहले ही थम चुकी थी, रेलवे की लापरवाही का आलम इस कदर था कि गोरखपुर रेलवे स्टेशन के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी ने ट्रेन की चेकिंग तक नहीं की और यहां से दोबारा मोहन लाल शर्मा का शव वापस झांसी के लिए ट्रेन के बाथरूम से ही निकल पड़ा।

इस तरह 2 दिन तक मोहन लाल शर्मा का शव श्रमिक स्पेशल ट्रेन में घूमता रहा और जब ट्रेन झांसी पहुंची तो वहां पर रेलवे कर्मचारियों के द्वारा ट्रेन को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया शुरू हुई तो कर्मचारियों ने देखा कि ट्रेन की एक बोगी के टॉयलेट में मोहन लाल शर्मा का शव पड़ा हुआ है जो पूरी तरीके से सड़ चुका था। रेलवे पुलिस को मोहनलाल शर्मा के बैग से आधार कार्ड बरामद हुआ, जिससे उसकी पहचान हुई और परिवार के लोगों को तत्काल इस मामले की सूचना दी गई। ट्रेन में मोहनलाल शर्मा की मौत कब और किन परिस्थितियों में हुई यह तो जांच का विषय है लेकिन झांसी प्रशासन ने मोहन लाल शर्मा के शव की सैंपल कराई है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उसकी मौत कोरोना के संक्रमण से हुई है या किसी अन्य वजह से।

रेलवे पर लापरवाही का आरोप

मोहन लाल शर्मा के घर पहुंचकर उनकी पत्नी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रेलवे की लापरवाही की वजह से उनके पति की मौत हुई और शव को समय से उन तक पहुंचाने के बजाय एक और लापरवाही की गई और लाश 2 दिन तक ट्रेन में ही सफर करती रही। बताया कि उनके पति भी बीसो साल से महाराष्ट्र में एक कंपनी में काम करते हैं और लॉकडाउन के बाद वह घर आ रहे थे। लेकिन घर पहुंचने से पहले ही रास्ते में उनकी सांसें थम गई और इस बात की सूचना उन्हें 5 दिन के बाद मिलेगी, मोहन लाल शर्मा की पत्नी ने बताया कि लाश तो अब सड़ चुकी है। इस वजह से उनके परिवार के कुछ सदस्य झांसी गए हैं और शव का दाह संस्कार वहीं पर करेंगे। मोहन लाल शर्मा के चार छोटे-छोटे बच्चे हैं जो अब अनाथ हो चुके हैं, पत्नी बदहवास हैं, परिवार कुछ समझ नहीं पा रहा है कि मोहन लाल शर्मा का सफर आखिर कैसे मौत का सफर बन गया।

Home / Basti / दो दिन तक ट्रेन में ही सफर करता रहा श्रमिक का शव, रेलवे की लापरवाही आई सामने

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो