बस्ती. इन दिनों जब से सीएम अखिलेश यादव और पिता मुलायम सिंह यादव में समाजवादी पार्टी में वर्चस्व की जंग शुरू हुई है दोनों के करीबियों के साथ कुछ न कुछ घटित हो ही रहा है। कभी मुलायम के करीबी को अखिलेश अपने टारगेट पर ले लेते हैं तो कभी अखिलेश के खासमखास मुलायम के टारगेट पर आ जाते हैं। ऐसे में जिन करीबियों दोनों ही कोई कार्रवाई नहीं करते उनके साथ भी जो होता है वह भी वर्चस्व की जंग के चलते ही मान लिया जाता है। बस्त के कप्तानगंज में मुलायम सिंह यादव के प्रत्याशी राना कृष्ण किंकर सिंह को आईपीसी की धारा में पाबंद करने के मामले को लेकर भी यही चर्चा है।
दरअसल पुलिस को ऐसा लगता है कि किंकर सिंह चुनव में अशांति फैला सकते हैं। उनसे शांति भंग की आशंका पुलिस को ज्यादा है। बस्ती के नगर बाजार थाने के पुलिस ने पूर्व विधायक व कप्तानगंज विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी राना कृष्ण किंकर सिंह जो मुलायम के कैण्डिडेट बताए जाते हैं, उन्हें पाबंद कर दिया है। पुलिस ने उन्हें दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 110 के तहत पाबंद किया है। पुलिस ने इस कार्रवाई के पीछे अपनी ही दलील दी है, जो आचार संहिता से जुड़ी हुई है। हालांकि इस मामले में एसपी ने सफाई दी है कि अकेले किंकर सिंह को ही नहीं पाबंद किया गया है, बल्कि जिले के विभिन्न थानों की पुलिस ने दो दर्जन से अधिक लोग भी शामिल हैं।
क्षेत्र में चर्चा है कि एक प्रत्याशी को क्या इस तरह पाबंद किया जा सकता है। अफवाह यह भी है कि मुलायम के प्रत्याशियों पर दबाव बनाने का यह एक तरीका भी हो सकता है। कुल मिलाकर जो भी हो अब किंकर सिंह को एसपी शलेष कुमार पाण्डेय के मुताबिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में अपनी नेकनीयती का बंधपत्र देना होगा। डीजीसी जयसिंह के मुताबिक धारा 110 में शांतिभंग की आशंका होने पर चालान होता है। यह कार्रवाई ऐसे व्यक्ति पर की जाती है जिससे शांतिभंग की आशंका हो, अपराधियों को वह संरक्षण देता हो, लुटेरा, गृहभेदक, या चोर हो, चुराई गई सम्पत्ति का उपयोग करता हो, अपहरण वगैरह अपराध का आदि हो, जमाखोरी, मुनाफाखोरी में लिप्त हो, दवाओं में मिलावट करता हो तो ऐसे लोगों को इस धाना में पाबंद किया जाता है। चालान होने की सूचना मिलने पर कार्यपालक मजिस्ट्रेट एक निश्चित समय के लिए सदाचार व नेकनीयति से रहने के लिए बन्धपत्र भरवाते हैं।
राना कृष्ण किंकर सिंह (फाइल फोटो)