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बस्ती

बस्ती महोत्सव के चौथे दिन सूफी गीतों से माहौल हुआ सूफियाना

यूपी सरकार के तीन-तीन मंत्री हुए सूफी नाइट में शामिल।

बस्तीFeb 01, 2020 / 11:07 am

रफतउद्दीन फरीद

Sufi Night Basti Mahotsava

बस्ती महोत्सव सूफी नाइट

बस्ती. बस्ती महोत्सव के चौथे दिन सांस्कृतिक संध्या में सूफी गीतों से दीवाना ग्रूप ने एक समा बांध दिया। इस दौरान बस्ती महोत्सव में हरीश दि्ववेदी, स्वाति सिंह और सुरेश खन्न भी सूफी नाइट का लुत्फ उठाया। ‘ख्वाजा मेरे ख्वाजा’ गीत पर सूफी लिबास में कलाकारों ने माहौल को सूफियाना बना दिया। सूफियाना माहौल को बदला ‘ये जो हल्का-हल्का सूरूर है, सब तेरी नजर का कसूर है, कि शराब पीना सिखा दिया’ से। कलाकारों के मोहक नृत्य, शायराना अंदाज और गीत गजल और सूफी कलाम के साथ संगीत की वो बहार बही कि सब उसमें सराबोर हो गए।

 

इंदौर के दीवाना ग्रूप के कलाकारों ने जिस अंदाज में सूफी गीत गाए पूरा महोत्सव ही सूफियाना हो गया। ‘यूं तो क्या-क्या नजर नहीं आता, तुमसा कोई नजर नहीं आता’ वगैरह गीतों पर तो लोग भी तालियों के थाप के साथ हवा में हाथ लहराकर इसका हिस्सा बन गए। ‘हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबकी है जान हिंदुस्तान चमकेगा’ आदि गीतों पर खूब तालियां बटोरी गयीं। ‘पास रहता है दूर रहता है, कोई दिल के करीब रहता है’, दिल में उतर गया तो, ये जो हल्का-हल्का सूरूर है… जैसे गीतों ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। दीवाना ग्रूप की महिला कलाकारों ने गजलों की धुन पर अद्भुत सूफी नृत्य से खूब वाहवाही बटोरी।

By Satish Srivastava

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