विधायक का कहना है कि बभनान मिल की ओर से कुछ गन्ना माफियाओं को ही पर्ची दी जा रही है। गन्ना किसानों को समानुपातिक तरीके से पर्ची नहीं मिल पा रही है। ऐसे में उनका गन्ना खेतों में सूख रहा है। वहीं जीएम केन ने कहा कि कैलेंडर के अनुसार किसानों को पर्ची का वितरण किया जा रहा है। विधायक और उनके समर्थक की शिकायत दूर कर दी गई है। बभनान मिल मई माह तक चलेगी। खेतों में गन्ना रहने तक मिल चलाई जाएगी। गन्ना पर्ची की भी कोई समस्या नहीं है।
ये पहला मौका नहीं है जब सरकारी विभागों की लापरवाही सामने आई है। इसके पहले भी विभाग के लापरवाह अधिकारियों पर सरकार के विधायक और उनके समर्थकों की नाजारजगी देखी जाती रही है। कहने को तो सरकार किसानों की भलाई के लिए हर
काम नये तरकीबन से करने में जुटी है ताकि किसी को कोई परेशानी न हो सके। लेकिन हकीकत ये है कि जनता कि सुनवाई कहीं नहीं हो रही है।
गन्ना खरीद के पहले भी गेहूं खरीद और धान खरीद को लेकर भी क्रय केन्द्रों के अधिकारियों पर जनता ने लापरवाही का आरोप लगाया था। अभी कुछ दिन पहले ही धान खरीद केन्द्र पर छापेमारी करने पहुंचे योगी सरकरा के मंत्री उपेन्द्र तिवारी जब बलिया जिले में पहुंचे तो किसानों के अनाज तौल में भारी गड़बड़ी का खुलासा हुआ था । नाराज विधायक ने क्रय केन्द्र के कर्मचारी पर कार्रवाई का आदेश भी दिया था। लेकिन सरकार की सख्ती के बाद भी कर्मचारी और अधिकारी जनता की सुनवाई करने से लगातार भाग रहे हैं।