इस बात का खासतौर पर ध्यान रखने कि जरूरत होती है कि अपने स्किन टाइप के अनुसार ही सनस्क्रीन को खरीदें। यदि आपकी त्वचा ऑयली है और आप ज्यादा चिपचिपा सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर रहे तो ऐसे में पिम्पल्स की समस्या हो सकती है। इसलिए ध्यान में रखें कि यदि आपकी त्वचा ऑयली है तो वाटर बेस्ड सनस्क्रीन एक बेहतर विकल्प है, वहीं त्वचा ड्राई है तो आयल बेस्ड सनस्क्रीन को चुनें।
क्या आपको पता है कि सनस्क्रीन लगाने का समय भी एक महत्वपूर्ण रोल निभाता है, यदि आप कुछ देर या कुछ दूर के लिए ही बाहर जा रहे हैं तो इसका एक बार इस्तेमाल कर सकते हैं, वहीं थोड़ी मात्रा में करते हैं तो भी चलेगा। लेकिन ज्यादा समय के लिए बाहर जा रहे हैं तो कम से कम हर 2 घंटे के अंतराल में सनस्क्रीन को अप्लाई करते रहे। ऐसा करने से आप तेज धूप और गर्म हवा से भी बचे रहेंगें, साथ ही साथ त्वचा को डबल प्रोटेक्शन भी मिलेगी।
सनस्क्रीन में जितना ज्यादा एसपीएफ होगा, उतने ही लंबे समय तक आप धूप से बचे रहेंगें। यदि आप एसपीएफ 15 सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं तो ये लगभग 90 प्रतिसत तक हार्मफुल यूवी रेज से बचा के रखने में मदद कर सकती है। वहीं यदि आप एसपीएफ 50 या इससे ऊपर के सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं तो ये लगभग 95 प्रतिसत तक यूवी रेज से बचा के रखने में मदद कर सकते हैं।
सनस्क्रीन खरीदते समय खासतौर पर डिटेल्स के ऊपर ध्यान देने कि अधिक आवश्य्कता होती है, ऐसे प्रोडक्ट्स ही लें जो आपके त्वचा को सूट करें नहीं तो पिम्पल्स, डार्क स्पॉट्स का भी सामना करना पड़ना सकता है। वहीं इस बात का भी ध्यान दें कि यूवीए के साथ यूबीवी युक्त ही सनस्क्रीन ही खरीदें, ताकि ये लंबे समय तक आपके त्वचा को धूप से प्रोटेक्ट कर सके।
यदि आप गर्मियों के मौसम में कई बाहर या बीच में घूमने जा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि हर एक घंटे के अंतराल में ही सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते रहें, क्योंकि ज्यादा देर बाहर रहने से सनस्क्रीन का असर जल्दी खत्म हो जाता है।
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