अब नहीं रही यह कुर्सी खाली
नगर परिषद सभापति पद का मामला
अब नहीं रही यह कुर्सी खाली
ब्यावर. नगरपरिषद सभापति बबीता चौहान के सवा दो लाख की रिश्वत मामले में पकड़े जाने पर स्वायत्त शासन विभाग ने निलमबन कर वार्ड अठारह की पार्षद शशि सोलंकी को साठ दिन के लिए सभापति मनोनीत किया गया था। अब स्वायत शासन विभाग ने इनका कार्यकाल दो माह के लिए और बढ़ा दिया है। नगर परिषद के करोड़ों के भुगतान के अटके मामलों का अब निस्तारण हो सकेगा। नगर परिषद कर्मचारियों के बोनस मिलने में आ रही परेशानी भी दूर हो सकेगी। सोलंकी का मनोनयन दो माह के लिए हुआ था। हालांकि शुक्रवार को जारी हुए आदेश पूर्व में जारी आदेश की निरन्तरता में ही जारी किया गया है। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व संयुक्त सचिव पवन अरोड़ा ने २८ अगस्त को आदेश जारी कर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम २००९ की धारा ५०(१) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए शशि बाला सोंलकी को ब्यावर नगरपरिषद की सभापति का कार्यभार ग्रहण करने के लिए ६० दिवस या सभापति के कार्यभार ग्रहण करने तक जो भी पहले हो अधीकृत किया गया। यह अवधि २७ अक्टूबर को पूरी हो गई।इसके बाद २८ से अब तक यह पद खाली चल रहा था। स्वायत शासन विभाग ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर इस आदेश की निरन्तरता में ही साठ दिन या सभापति के कार्यभार ग्रहण करने तक जो भी पहले हो के लिए अधिकृत किया गया है। ऐसे में अब सभापति पद शशि सोलंकी के मनोनयन का कार्यकाल और बढ़ गया है।
प्रकरण : एक नजर
गत 8 अगस्त को सभापति बबीता चौहान, उनके पति नरेन्द्र चौहान व रिश्तेदार शिवप्रसाद को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अजमेर की टीम ने सवा दो लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरतार किया। यह रकम शिकायतकर्ता डॉ. राजीव जैन से सभापति के घर पर ली गई। रिश्वत चिकित्सक के सांखला कॉलोनी के भूखंड रूपान्तरण की एवज में ली थी। कार्रवाई के दौरान घर से जब्त किए गए दस्तावेज से ७८ लाख की एक दुकान लेने का एक अन्य मामला भी प्रकाश में आया। जो पार्षद गुरुबचनसिंह के कॉपलेक्स निर्माण से जुड़ा था। इसके बाद सभापति को पद से निलिबत कर दिया गया था।
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