अमृतकौर अस्पताल में मरीज एक ही मशीन व एक ही रेडियोलोजिस्ट के भरोसे, जांच के लिए अस्पताल की ओर से दी जा रही है एक माह की तारीख
ब्यावर. जिले के एक मात्र जिला स्तरीय राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय के मरीज एक सोनोग्राफी मशीन व एक रेडियोलोजिस्ट के भरोसे है। जिले भर में सबसे अधिक आउटडोर इसी अस्पताल में है। इसके बावजूद यहां पर नई सोनोग्राफी मशीन लगाए जाने के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से कोई कारगर प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। मरीजों की मजबूरी का फायदा निजी क्लिनिक उठा रहे हैं और सोनोग्राफी के नाम पर जमकर चांदी कूट रहे हैं।
अस्पताल में लगी एक मात्र मशीन काफी पुरानी हो चली है। आए दिन चलते-चलते गरम होकर बंद हो जाती है। इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों की सोनोग्राफी तक नहीं हो रही है। गर्भवती महिलाओं व मरीजों को एक माह बाद की तारीख मिल रही है। बुधवार सुबह सोनोग्राफी के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं व मरीजों को एक माह बाद ५ जून की तारीख दी गई है। यहां पर सोनोग्राफी के लिए आए मरीजों का बैकलॉक बढ़कर साढ़े तीन सौ के पार पहुंच गया है। मरीजों की संया अधिक होने के कारण मिल रही तारीख को देखते हुए आस पास की गलियों में चल रहे सोनोग्राफी सेंटर जमकर फायदा उठा रहे हैं।
कईबार तो जांच ही नहीं होती…
राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय में एक रेडियोलोजिस्ट है। जिस पर सोनोग्राफी के साथ एक्स रे रिपोर्टबनाने, घायलों की रिपोर्टतैयार करने की जिमेदारी है। रेडियोलोजिस्ट से दूसरे
कार्य भी करवाए जा रहे हैं। यहां तक मेडिकल ज्यूरिस्ट के साथ नाइट ड्यूटी तक करवाई जा रही है। जिस दिन मेडिकल ज्यूरिस्ट के साथ या नाइट ड्यूटी होती है उसके दूसरे दिन अवकाश होने से अस्पताल में सोनोग्राफी नहीं होती। इसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ता है।
हर घंटे हांफ रही मशीन…
अस्पताल के सोनोग्राफी कक्ष में लगी मशीन १५ साल से अधिक पुरानी है। अब तो इस मशीन के पाट्र्स तक बाजार में नहीं मिल रहे। मशीन पुरानी होने के कारण काम की अधिकता होते ही यह हांफने लग जाती है। मशीन गरम होने से हर आधे घंटे बाद मशीन को रोका जाता है।
विधायक ने दिया था आश्वासन…
अमृतकौर चिकित्सालय में सोनोग्राफी मशीन आए दिन खराब होने की समस्या को देखते हुए विधायक शंकरसिंह रावत ने गत वर्ष विधायक कोष से यहां कलर डॉप्लर मशीन लगवाए जाने की घोषणा करी। पूरा साल निकल जाने के बावजूद इस पर कोई प्रगति नहीं हुई। इसी कारण यह मामला मंगलवार को हुईएमआरएस की मीटिंग में फिर उठा।
आई हुई मशीन व चिकित्सक वापस भेज दिए…
अमृतकौर चिकित्सालय में पांच जिलों के मरीज इलाज के लिए आते हैं। यहां पर राजसमंद, पाली, भीलवाड़ा, नागौर, रास व मेड़ता सहित
अजमेर के आस पास के गांवों के मरीज उपचार करवाने आते हैं। यहां के आउटडोर व मरीजों की संया को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने कुछ समय पूर्व नई मशीन भेजी। इस मशीन को काम में नहीं लेने के कारण इसे नसीराबाद चिकित्सालय भेज दिया गया। यही स्थिति एक अन्य रेडियोलोजिस्ट की रही। यहां लगाने के बाद चिकित्सक को अजमेर के सेटेलाइट अस्पताल में प्रतिनियुक्ति पर लगा दिया। जहां बाद में उन्होंने स्थाई नियुक्ति ले ली।
इनका कहना है…
विभाग के पास नई मशीन लेने की राशि नहीं है। विधायक से इस संबंध में बात करी है उन्होंने सकारात्मक आश्वासन दिया है। बजट होने पर वह मशीन लगवा देंगे।
-डॉ. एम के जैन, पीएमओ, राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय ब्यावर
सोनोग्राफी मशीन का मामला सामने आया है। कल अस्पताल से पूरी जानकारी लेकर जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा।
-शंकरसिंह रावत, विधायक, ब्यावर