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बिना उपयोग किए ही, बन गए अनुपयोगी

कृषि विभाग के कार्मिकों के लिए बने आवास हुए खंडहर
सार्वजनिक निर्माण विभाग ने बताया अनुपयोगी

ब्यावरJan 20, 2020 / 04:36 pm

kali charan

बिना उपयोग किए ही, बन गए अनुपयोगी

बिना उपयोग किए ही, बन गए अनुपयोगी

ब्यावर. अजमेर रोड स्थित उपनिदेशक कृषि (विस्तार) कार्यालय परिसर में कार्मिकों के रहने के लिए बने भवन बिना उपयोग के ही खंडहर बन गए है। कृषि विभाग के इन सालों से बने चार आवासों को सार्वजनिक निर्माण विभाग ने भी अनुपयोगी घोषित कर दिया है। ऐसे में सरकारी पैसे से बने यह भवन बिना उपयोग के ही अनुयोगी हो गए है।कृषि कार्यालय परिसर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के रहने के लिए इन भवनों की नींव रखी गई। सरकारी पैसे से यह भवन बन भी गए। लेकिन इन भवनों में रहना शुरू नहीं हो सका। कुछ समय बाद भवन तक जाने वाले रास्ते झाडियों से अट गए। वहीं विभागीय अनदेखी के कारण आवासों के आस-पास बरसाती भरने लगा। इस समस्या को दूर करने के लिए विभाग ने गंदे पानी की निकासी के लिए नाला भी निर्माण किया गया और पानी भरने की समस्या दूर हो गई। लेकिन नियमित देखभाल और सारसंभाल के चलते यह भवन धीरे धीरे जर्जर होने लगे और खंडरनुमा नजर आने लगे। इस पर सार्वजनिक निर्माण विभाग को इन भवनों की मरम्मत के लिए लेटर लिखा गया और खर्च का स्टीमेट मांगा गया। लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इन भवनों को रहने के लिए ही अनुपयोगी घोषित किया गया।यह है कारणउपनिदेशक कृषि (विस्तार) कार्यालय में दूर दराज एवं अन्य क्षेत्रों के कार्यरत कर्मचारियों के रहने के लिए विभाग ने आवासीय योजना तैयार की। वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृतियों के बाद भवनों की नींव रखी गई। लेकिन पहले विभागीय अनदेखी और इसके बाद जर्जर हो जाने के कारण यह भवन अब अनुपयोगी की श्रेणी में आ गए है।
इनका कहना है…

कार्मिकों के रहने के लिए चार आवास निर्माण किए गए थे। इन आवासों के मरम्मत एवं रंग रोगन इत्यादि कार्य के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को लेटर लिखा गया। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इन सभी आवासों को अनुपयोगी बता कर मरम्मत से इनकार कर दिया है।
-विनोद छाजेड़, उपनिदेशक, कृषि विस्तार।

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