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जोनल प्लान बने तो खेतों में बने मकान को मिले पट्टे

शहर का जोनल प्लान का मामला दो साल से लम्बित, अब तक नगर परिषद को नहीं मिल से तहसील से राजस्व नक्शे, पचास गांवों को शामिल करते हुए तैयार किया जा रहा है जोनल प्लान

ब्यावरFeb 29, 2020 / 12:08 pm

Bhagwat

जोनल प्लान बने तो खेतों में बने मकान को मिले पट्टे

जोनल प्लान बने तो खेतों में बने मकान को मिले पट्टे

ब्यावर. शहर की आबादी करीब ढाई लाख के पार पहुंच चुकी है। एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के जोनल प्लान तैयार किया जाना है। शहर का जोनल प्लान बनाने को लेकर पिछले दो साल प्रक्रिया चल रही है। अब तक जोनल प्लान तैयार नहीं किया जा सका है। समय पर जोनल प्लान तैयार नहीं होने पर कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के निमयन का मामला और लम्बित हो जाएंगे। जबकि सरकार की ओर से ऐसी विकसित कॉलोनियों के लिए दिसम्बर माह तक आवेदन मांगे है। अगर जोनल प्लान तैयार नहीं हो पाता है तो बिना अनुमति विकसित कॉलोनियों के लोगों को पट्टे मिलने की उम्मीद पूरी नहीं हो सकेगी। गौरतलब है कि पूर्व में 1999 तक कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों को नियमन किया जा रहा था। अब राज्य सरकार ने 2018 तक बसी कॉलोनियों के नियमन किए जाने को लेकर केबिनेट में मंजूरी दी थी। इस संबंध में आदेश निकाले थे।
नगर परिषद ने तहसील को लिखा पत्र
नगर परिषद प्रशासन तहसील प्रशासन को पत्र लिखकर 50 राजस्व गांवों का राजस्व मानचित्र उपलब्ध करवाने को कहा है। नगर परिषद प्रशासन की ओर से करीब नौ माह पूर्व पत्र लिखा गया है। अब तक तहसील प्रशासन की ओर से नगर परिषद को राजस्व मानचित्र उपलब्ध नहीं करवाए है। इसके चलते करीब एक साल से जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार नहीं हो सका है
…तो नहीं मिलेगा लाभ
सरकार ने वर्ष 2018 तक बसी कॉलोनियों में पट्टे दिए जाने को लेकर केबिनेट में मंजूरी दी थी। इसके तहत नियमन और पट्टे के लिए 2020 तक आवेदन किए जा सकेंगे। इसमें शर्त है कि एक लाख से अधिक आबादी होने पर जोनल प्लान तैयार होना आवश्यक है। ब्यावर की आबादी एक लाख से अधिक है। ऐसे में यहां का जोनल प्लान तैयार किया जाना है। इसके लिए पिछले एक साल से प्रक्रिया चल रही है। लेकिन अब तक इसको अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है।
इन गांवों व क्षेत्रों को किया शामिल
शहर के जोनल प्लान बनाने के लिए खाका तैयार कर लिया है। इस प्लान के तहत बाडिया जग्गा, बाडिया श्यामा, बलाड, बनेवड़ी, ब्यावरखास, भवानीखेड़ा, भोजपुरा, छावनी परेड, दौलतपुरा बलाइयान, दौलतगढ़ सिंघा, देलवाड़ा, डूंगरखेड़ा, फतेहपुर प्रथम, फतेहपूरिया दोयम, गणेशपुरा, गढ़ी थोरियान, गोविन्दपुरा, जालिया प्रथम, कालियावास, केसरपुरा परसा, खेजड़ला, कुशलपुरा बलाड, लसाडिया, लसानी प्रथम, मकरेड़ा, मालपुरा कालियावास, मांडावास, मेडिया नयानगर, नरबदखेड़ा, नृसिंहपुरा, नया नगर, नून्द्री मालदेव, नून्द्री मेन्द्रातान, रामगढ़ झूठा, रामपुरा गुंदो का बाला, रामपुरा मेवातियान, रामसर बलाइयान, रतनपुरा सरदारा, रुपाहेली, सरमालिया, सेदरिया, सेमला, शेषपुरा, शाहपुरा, बिचड़ली, शिवनाथपुरा, शोभापुरा, सिघाडिय़ा, सोवनिया, ठीकराना गुजरान, ठीकराना मेन्द्रातान को शामिल किया गया है।
इनका कहना है…
जोनल प्लान बनाने के लिए तहसील को मेरे कार्यकाल में पत्र भिजवाया था। तहसील प्रशासन की ओर से राजस्व नक्शे उपलब्ध नहीं करवाए थे। अब करवा दिए गए तो उनकी जानकारी नहीं है।
-बबीता चौहान, पूर्व सभापति
जोनल प्लान को लेकर प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही जोनल प्लान तैयार कर लिया जाएगा। ताकि लोगों को पट्टे मिलने व नियमन की समस्याओं से निजात मिल सके।
-नरेश कनौजिया, सभापति, नगर परिषद

जोनल प्लान बनाने के लिए राजस्व नक्शे का मामला मेरी जानकारी में नहीं आया है। अगर राजस्व गांव के नक्शे उपलब्ध करवाने है तो जल्द ही करवा दिए जाएंगे।
-रमेशचंद बहेडिया, तहसीदार, ब्यावर
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